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नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले (Nirbhya Gangrape Case) में दोषी सजा से बचने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रपति के द्वारा दया याचिका खारिज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Coury) में दलील दी गई है कि दोषी विनय की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है जिसके चलते उसकी फांसी की सजा माफ होनी चाहिए। हालांकि, इस याचिका पर फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया है।
शुक्रवार को दोषी के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विनय की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसका कहना था कि दोषी विनय मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की वजह से विनय मेंटल ट्रोला से गुजर रहा है, इसलिए उसको फांसी नहीं दी जा सकती है। वकील ने कहा कि मेरे क्लाइंट को पहले ही कई बार जेल प्रशासन की ओर से मानसिक अस्पताल (mental hospital) में भेजा जा चुका है। वकील ने तर्क दिया कि किसी भी मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को फांसी नहीं दी जा सकती। एपी सिंह ने कहा यह विनय शर्मा के जीने के अधिकार आर्टिकल 21 का हनन है। वहीं, दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने को लेकर भी सोमवार को सुनवाई होगी।
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