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मंडी। जिला के पधर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत डलाह की मनरेगा मजदूर महिलाएं बीते डेढ़ वर्ष से मजदूरी के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। डेढ़ वर्ष पहले इन महिला मजदूरों ने मनरेगा के तहत अपनी ग्राम पंचायत में चल रहे कार्यों में हिस्सा लिया और मजदूरी की। मनरेगा के तहत प्रावधान है कि मजदूरी का 15 दिनों के भीतर भुगतान करना होता है, लेकिन इन महिलाओं के साथ ऐसा नहीं हो सका। उल्टा इन्हें अपनी मजदूरी हासिल करने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। कभी यह महिलाएं खंड विकास अधिकारी के कार्यालय के चक्कर काट रही हैं तो कभी राज्य सहकारी बैंक के।
महिला मजदूरों के अनुसार उन्हें खंड विकास अधिकारी से यह बताया जा रहा है कि उनकी तरफ से भुगतान हो चुका है और इसमें उनका कोई दोष न रहकर बैंक का ही दोष बताया जा रहा है। वहीं जब महिलाएं बैंक जा रही हैं तो वहां से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। अब इन महिला मजदूरों ने सीटू के बैनर तले जिला प्रशासन से मिलकर मजदूरी अदा करने की गुहार लगाई है। वहीं सीटू के जिला उपाध्यक्ष रविकांत ने चेताया है कि अगर 15 दिनों के भीतर मनरेगा मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया तो फिर सड़कों पर उतरकर विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं एडीसी मंडी अश्वनी कुमार ने महिलाओं को विश्वास दिलाया है कि उनके वेतन का जल्द से जल्द भुगतान करवा दिया जाएगा।
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