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नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2,550 विदेशी तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के सदस्यों को ब्लैकलिस्ट (Blacklist) कर दिया है। अधिकारियों ने कहा, यह सभी वीजा नियमों के उल्लंघन करते हुए देशव्यापी कोरोना वायरस लॉकडाउन (Lockodown) के दौरान भारत (India) में रह रहे थे और इन सभी के भारत में प्रवेश पर 10 साल का प्रतिबंध (Ban) लगा दिया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा की गई यह कार्रवाई विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा विदेशी लोगों का विवरण प्रदान करने के बाद की गई है, जो देश भर में मस्जिदों और धार्मिक संस्थानों में अवैध रूप से रह रहे थे।
इससे पहले उत्तरी दिल्ली में इसी साल 24 फरवरी को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने नई चार्जशीट पेश की थी। इसमें कहा गया था कि हिंसा के तार तब्लीगी जमात और यूपी के दारुल उलूम देवबंद से जुड़े हैं। इन नागरिकों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया। इसलिए प्रतिबंध लगाया गया। इन विदेशी जमातियों की संख्या बढ़ सकती है।
ये नागरिक माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, तंजानिया, दक्षिण, अफ्रीका, म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, यूके, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल से हैं। सरकार तब्लीगी जमात के सदस्यों पर वीजा के मानदंडों का उल्लंघन करने पर नाखुश है। देश में कोरोना वायरस के मामले में बढ़ने के लिए तब्लीगी जमात के मरकज को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
बता दें कि तेलंगाना से लेकर यूपी-बिहार और झारखंड तक तमाम राज्यों में कई मस्जिदों से 700 से ऊपर विदेशी पकड़े गए थे। इनमें से ज्यादातर टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। निजामुद्दीन मरकज में 216 विदेशियों के अलावा लखनऊ में 13, रांची के मस्जिदों में 30, पटना के मस्जिदों में 10 विदेशी पकड़े गए हैं। इन सभी पर आरोप है कि कोरोना वायरस के संक्रमण शुरुआती दौर में इन्होंने गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठा की, जिससे यह वायरस तेजी से फैला और फिर इसकी चपेट में देश के कई राज्यों के लोग आए। शुरुआती दौर में इनके कारण करीब एक तिहाई लोगों और 17 राज्यों में संक्रमण फैला और काफी लोगों की मौत हुई।
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