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पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स भर्ती में Mid-Day Meal वर्कर को मिले प्राथमिकता
Last Updated on August 2, 2020 by Deepak
शिमला/गोहर। हिमाचल मिड-डे मील (Mid-Day Meal) वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू ने पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स भर्ती में मिड-डे मील वर्कर को प्राथमिकता देने की मांग उठाई है। चेताया कि अगर सरकार व शिक्षा विभाग (Education Department) द्वारा मिड-डे मील वर्कर्स को पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स की भर्ती में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति नहीं दी गई तो आंदोलन किया जाएगा। साथ ही हाईकोर्ट (High Court) का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। यूनियन के संयोजक जगत राम ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा 7852 पार्ट टाइम मल्टी वर्कर्स की भर्ती की जा रही है। उन्हें 5652 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा।
प्रदेश के प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में वर्ष 2004 से मिड-डे- मील वर्कर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मिड-डे मील वर्कर्स को मात्र 2300 रुपये मासिक वेतन दिया जाता है, वो भी साल में दस महीने का ही दिया जाता है। यूनियन ने शिक्षा विभाग व सरकार से मांग की है कि स्कूलों में पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स की भर्तियों में सालों से मिड-डे मील का कार्य करने वाले वर्कर को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी जाए।
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अनुसूचित जाति, जनजाति सरकारी कर्मचारी कल्याण संघ मंडी ने स्कूलों में पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स भर्ती में रोस्टर (Roster) की मांग की है। जिलाध्यक्ष दर्शन लाल, उपाध्यक्ष भीम सिंह यादव, प्रदेश प्रेस सचिव व जिलाकोषाध्यक्ष राजेश नंदा, महासचिव प्रकाश आजाद, संगठन मंत्री किशन बुशैहरी, सलाहकार घनश्याम चौहान, ओम प्रकाश, चांद चौहान, यशपाल, दूनी चंद, देवकी नंदन, सुंदर नगर के प्रधान नरेश कुमार, चच्योट से जालम सिंह यादव, सदर से राजेश कुमार, बल्ह के प्रधान जय सिंह, सरकाघाट से पवन महलवाल व ओम प्रकाश आदि का कहना है कि सरकार द्वारा स्कूलों में पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स के पद भरने का संगठन स्वागत करता है, लेकिन इस भर्ती में एससी (SC), एसटी व ओबीसी (OBC) वर्ग के लिए उचित रोस्टर की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि यह भर्तियां संवैधानिक दायरे में आ सकें।