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Himachal के इस गांव में अनोखी पहल, मशीन से दूध ले रहे लोग- जानिए मामला
Last Updated on April 25, 2021 by Sintu Kumar
दयाराम कश्यप/सोलन। हिमाचल (Himachal) के सोलन जिला के गांव बातल निवासियों ने मिल्क वेंडिंग मशीन (Milk Vending Machine) बनाई है। इस मशीन से कार्ड के जरिए पशुपालकों को दूध देने के लिए लोगों के घर-घर तक नहीं जाना पड़ता है। वहीं, लोग अपनी जरूरत के हिसाब से दूध दे सकते हैं। ऐसा कर दिखाया है, बातल के राजेंद्र सुमन व राजेश शर्मा ने। राजेंद्र सुमन ने टेलीकॉम कंपनी में 25 वर्ष सेवा कर 45 साल की उम्र में जेटीओ (JTO) के पद और राजेश शर्मा ने टीबी स्टेट लेब टेक्नीशियन पद पर 20 वर्ष सेवा के बाद नौकरी छोड़कर पुश्तैनी कार्य पशुपालन का काम शुरू किया। उन्होंने फर्मा फ्रेश कॉर्नर नाम से एक कंपनी भी बनाई। फार्म फ्रेश कॉर्नर (Farm Fresh Corner) के मुख्य संस्थापक राजेंद्र सुमन व उनके सहयोगी राजेश शर्मा द्वारा बातल गांव में करीब एक लाख रुपये की लागत से 70 लीटर की मिल्क वेंडिंग मशीन की स्थापना 10 माह पूर्व की। सुमन खुद पशुपालक हैं और उन्होंने इस मशीन के बारे में ना सिर्फ सोचा बल्कि इसे मूर्ति रूप भी दिया है। हिमाचल के सबसे तेजी से विकसित हो रहे सोलन नगर सहित अन्य क्षेत्र में भी इस तरह के मिल्क वेंडिंग मशीन की सुविधा नहीं है।
मिल्क वेंडिंग मशीन गांव में लगने के बाद पशुपालकों का घर-घर दूध देने का झंझट खत्म हो गया है। साथ ही दुग्ध उपभोक्ताओं को भी इससे लाभ मिल रहा है। इस मशीन के लिए फार्म फ्रेश कॉर्नर की ओर से बाकायदा करीब 50 कार्ड उपभोक्ताओं को जारी किए गए हैं। इन कार्ड के माध्यम से उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से दूध (Milk) प्राप्त कर सकता है। जब जितनी आवश्यकता हो उतना दूध वह मशीन से ले लेता है। इससे उपभोक्ताओं को जहां अपनी जरूरत के हिसाब से शुद्ध व उच्च गुणवत्ता का दूध मिल जाता है। वहीं, पशुपालकों को भी दूध विक्रय करने के लिए नहीं जाना पड़ता है। इससे समय की भी बचत हो रही है।
फार्म फ्रेश कॉर्नर के मुख्य संस्थापक राजेन्द्र सुमन ने कहा कि पशुपालन स्वरोजगार का साधन है। युवा पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर अच्छी आए अर्जित कर सकते हैं। सुमन ने कहा कि उन्होंने आठ गाय पाली हैं। साथ ही उनके लिए घर में तैयार हरा चारा ही दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पशुपालन में उनकी माता व पत्नी सहित परिजनों का भी भरपूर सहयोग उन्हें मिलता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ साथ उन्होंने अन्य चार लोगों को भी रोजगार दिया है। उन्होंने कहा कि यदि लग्न व मेहनत से पशुपालन किया जाए तो ये घाटे का सौदा नहीं है। राजेश शर्मा ने बताया कि फार्म की गाड़ी के माध्यम से आसपास के गांव से भी दूध एकत्र किया जाता है, जिससे ग्रामीणों के दूध की विक्री हो जाता है और उनके समय की भी बचत हो जाती है।