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इम्यूनिटी बढ़ाने में खिरनी का जवाब नहीं, रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए सबसे बढ़िया फल
Last Updated on March 24, 2021 by
खिरनी या माइमोसॉप्स हेक्जैंड्रा (Mimosops hexandra) ऐसा फल है जो उत्तरी भारत में स्वत: उगता है, अथवा उगाया जाता है। इसमें पीले छोटे फल लगते हैं, जो खाने में काफी मीठे और स्वादिष्ठ होते हैं। वृक्ष की छाल औषधि के कार्य में आती है। बीज से तेल निकाला जाता है। इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है। यह नीम के पके फल की तरह होता है ,पर मिठास में भरपूर है। आयुर्वेद में खिरनी को क्षीरिणी के नाम से जाना जाता है। इसी का अपभ्रंश नाम खिरनी हो गया है। इसे राजदान, राजफल आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी लकड़ी भी बहुत मजबूत और चिकनी होती है। आज हम आपको इसके फायदों के बारे में बताने वाले हैं …
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खिरनी के फल मीठे और स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर में शीतलता भी प्रदान करते हैं।
ज्वर होने पर खिरनी की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से ज्वर या बुखार उतर जाता है।
जोड़ों का दर्द, यूरिन एसिड का बढ़ना, कमर दर्द और गठिया आदि रोगों में खिरनी का सेवन करने से लाभ होता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में खिरनी का जवाब नहीं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए सबसे बढ़िया फल है। पित्त नाशक होने के कारण रक्त पित्त रोग में लाभ पहुंचाता है।
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खिरनी का फल दुर्बल व्यक्तियों के लुए बहुत ही हितकारी है। इसे लगातार सेवन करने से शरीर स्वस्थ होता है।
इसमें प्रोटीन की मात्रा 0.48 प्रतिशत होती है। अच्छी सेहत के लिए प्रोटीन बहुत आवश्यक होता है। प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की मरम्मत और निर्माण करना होता है।
खिरनी में वसा की भरपूर मात्रा मौजूद होती हैं। शरीर के उचित कार्य के लिए वसा की आवश्यकता होती है। वसा हमारे बालों और त्वचा को स्वास्थ्य बनाएं रखने में मदद करता है।
खिरनी में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी पाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
इस फल में पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह आदि। ये सभी पोषक तत्व सेहत के लिए बहुत गुणकारी होते हैं।