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OTT-Social Media के लिए सरकार बनाए नियम, जानें अब कैसे कंट्रोल होगा कंटेंट
Last Updated on February 25, 2021 by
नई दिल्ली। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम, नेटफलिक्स आदि सभी के लिए गाइडलाइन (Guidelines) जारी की। जो नियम इनके बनाए गए हैं वो अगल से किसी कानून में नहीं होंगे। यह सभी नियम आईटी एक्ट के अंदर ही होंगे। ट्विटर के साथ भारत सरकार की बढ़ती तनातनी के बीच यह बात साफ हो गई थी कि भारत सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए अब सख्त गाइडलाइन आने वाली हैं। ऐसे में आज केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद इन नियमों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। तीन महीने के अंदर अब सभी सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म को इन गाइडलाइन्स को अपनाना होगा।
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The significant social media intermediaries need to adhere to the new guidelines such as:
1. Appoint a Chief Compliance Officer responsible for ensuring compliance with the Act & Rules.
2. Appoint a Nodal Contact Person
3. Appoint a Resident Grievance Officer pic.twitter.com/UekMZhkTwk— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 25, 2021
ऐसे में अब सोशल मीडिया पर यदि कोई फर्जी संदेश और भड़काऊ जानकारी डालेगा तो सरकार कंपनियों से यह पूछ सकेगी कि सबसे पहले यह जानकारी किस यूजर ने पोस्ट की थी। इसके अलावा अब केंद्र सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म यानी अमेजन प्राइम, नेटफलिक्स सहित अन्य सामग्री पर तीन स्तर पर निगरानी रखेगी। अब नए नियमों के तहत आपत्तिजनक संदेश हटाने का आदेश दिया जाएगा और आदेश देने पर 36 घंटे के भीतर प्लेटफॉर्म से विवादित कंटेंट भी हटाना होगा। इसके अलावा अश्लील कंटेंट से जुड़ी पोस्ट को भी शिकायत करने के एक दिन के अंदर प्लेटफॉर्म से डिलीट करना होगा। इसके अलावा अब कंपनियों को चीफ कंप्लायंस अफसर और ग्रिवेंस रिड्रेसल अफसर तैनात करने होंगे। ये सभी भारतीय नागरिक ही होंगे। कोई भी दिक्कत होने पर सरकार इनसे सवाल करेगी।
Supreme Court also directed us to frame necessary guidelines to eliminate child pornography,gang rape images etc.Even during parliamentary proceedings concerns were raised over hate content, pornography on social media etc for which we have made some new guidelines related to it. pic.twitter.com/zA0iDvysUO
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 25, 2021
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपना एक मॉडरेटर तैनात करना होगा। ऐसे में किसी तरह के गलत कंटेंट के लिए मॉडरेटर जिम्मेदार होगा। ऐसे में मॉडरेशन में गलती पाई गई तो सजा भी दी जा सकेगी। सरकार कंटेट को लेकर जाहिर आपत्ति के लिए नियामक एजेंसी बनाएगी। इसमें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा तीसरे स्तर पर सरकारी संस्थाएं भी प्लेटफॉर्म पर नजर बनाएंगी और यदि दोषी कंपनी को दंडित भी किया जाएगा। सरकार संस्थाएं किसी आपत्तिजनक कंटेट को ब्लॉक भी कर सकेंगी। सरकारी एजेंसी के आदेश के बाद कंटेंट हटाना होगा। कंटेंट हटाने को लेकर अलग-अलग टाइम फ्रेम रहेगा। इसमें 24 घंटे से लेकर 15 दिन के बीच आदेश अमल में लाने होंगे।
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी सर्टिफिकेशन
अभी फिल्मों को सिनेमा पर रिलीज से पहले सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। जैसे यू और ए सर्टिफिकेट। अब नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम, जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी रिलीज होने वाली फिल्मों और वेब सीरीज को भी यही सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। शो को ‘यू’ (सभी के लिए उपयुक्त) से लेकर ‘ए’ (केवल वयस्कों के लिए) जैसे सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। सबसे अहम बात यह है कि सरकार यह भड़काऊ कंटेंट के बारे में यह जानना चाहती है कि सबसे पहले यह कंटेंट किसने पोस्ट किया। ऐसे में व्हाट्सऐप को भी एंड टू एंड डिस्सक्रीप्शन वाली पॉलिसी को लेकर छूट देनी होगी, क्योंकि इसमें कंपनी यह दावा करती है कि कंपनी को खुद नहीं पता कि किसने मैसेज में क्या लिखा।