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ऊना। हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से पिछले तीन सालों में प्रदेश सरकार ने गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की है। मनरेगा (MGNREGA) के माध्यम से 2,413.71 करोड़ रुपये 14वें वित्तायोग के माध्यम से, 1,004.88 करोड़ रुपये तथा पंचायत घरों के निर्माण के लिए 42 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह बात ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मतस्य व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर (Minister Virender Kanwar) ने बचत भवन ऊना में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुए अथाह विकास कार्यो की बदौलत बीजेपी (BJP) समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में ऐतिहासिक जनादेश मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3,426 ग्राम पंचायतों में चुनाव (Panchayat Election) हुए हैं। यहां 75 प्रतिशत बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई है। इसके अलावा 60 पंचायत समितियों में से 53 में बीजेपी काबिज हुई है, जबकि कांग्रेस के हिस्से मात्र 7 पंचायत समितियां आई हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में संपन्न 6 जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के चुनाव में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ऐसा अपार समर्थन उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष इन चुनावों को सेमीफाइनल की संज्ञा दे रहे थे, जिसमें उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा है। अब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election) के फाइनल मुकाबले में भी बीजेपी बड़ी जीत हासिल कर मिशन रिपीट के लक्ष्य को प्राप्त करेगी। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार जन-जन के कल्याण के लिए प्रतिबद्व है और वर्ष 2022 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाया जाएगा। ऊना (Una) जिला के लिए यह लक्ष्य मार्च,2021 तय किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक वर्ष में दस हजार नए मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की घोषणा के अनुसार प्रदेश में 1.5 लाख नए मकान बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य बीमा देने वाली योजना हिमकेयर का हिमाचल प्रदेश के 5.50 लाख परिवारों को लाभ मिला है।
उद्योग, परिवहन, श्रम एवं रोजगार मंत्री बिक्रम ठाकुर (Bikram Thakur) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को जल्द ही केंद्र सरकार से बहुत बड़ा औद्योगिक प्रोजेक्ट मिलने की आशा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने बल्क ड्रग पार्क (Bulk Drug Park) को हासिल करने के लिए काफी मेहनत की है, जिसके सकारात्मक परिणाम आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्र सरकार से 1,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी, वहीं इसमें 10 हजार करोड़ रुपये का कुल निवेश होगा, जिससे 25 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के प्रत्यक्ष अवसर मिलेंगे और इसका सीधा लाभ ऊना जिला के अलावा कांगड़ा (Kangra), हमीरपुर व बिलासपुर जिला को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनने के उपरांत हिमाचल प्रदेश में 239 नए उद्योग आए हैं, जिनके माध्यम से 8,049 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इससे 21 हजार युवाओं को रोजगार मिला है। निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार भरसक प्रयास कर रही है। एक प्रश्न के उत्तर में विक्रम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक मित्र वातावरण तैयार करने के लिए कटिबन्ध है। इसी दिशा में प्रदेश में ट्रक युनियन व औद्योगिक इकाईयों के मध्य बेहतर तालमेल के प्रयास किए जा रहे हैं और माननीय अदालत का निर्णय भी है कि उद्योगों को ट्रक युनियनों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में अवैध खनन व ओवरलोडिंग को रोकने के लिए पांच माइनिंग पोस्ट स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिला ऊना को औद्योगिक विकास की दृष्टि से तैयार किया जा रहा है तथा पंडोगा, मैहतपुर व पोलियां क्षेत्र में औद्योगिक विस्तार के लिए आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए पग उठाए जा रहे है।
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