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Patanjali के जवाब की समीक्षा करेगी Task Force, आयुष मंत्री बोले – पहले लेनी चाहिए थी अनुमति
Last Updated on June 24, 2020 by
नई दिल्ली। पतंजलि (Patanjali) के कोरोना वायरस के इलाज की दवा बनाने के दावे पर आयुष मंत्रालय ने तलवार लटका दी है। आयुष मंत्रालय ने दवा के विज्ञापन पर रोक लगाने के बाद पतंजलि से मांगी गई जानकारी मंत्रालय को दे दी गई है। आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि पतंजलि के जवाब और मामले की टास्क फोर्स (Task Force) समीक्षा करेगी कि उन्होंने क्या-क्या फार्मूला अपनाया है। उसके बाद उनको अनुमति दी जाएगी, लेकिन जो प्रोटोकॉल है उसके मुताबिक दवाई बनाने को लेकर दवाई को मार्केट में लाने को लेकर पंतजलि को आयुष मंत्रालय से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी।
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आयुष मंत्रालय भी जुलाई तक मार्केट में ला सकता है दवाई
श्रीपद नाईक ने कहा कि इजाजत नहीं लेना ही हमारी आपत्ति है। अगर कोई दवाई लेकर मार्केट में आता है और बनाता है तो ये खुशी की बात है। उससे किसी को ऐतराज नहीं है। आयुष मंत्रालय भी अपनी दवाई पर काम कर रहा है और जुलाई महीने तक आयुष मंत्रालय भी कोरोना वायरस की दवाई लेकर मार्केट में आ सकता है। गौर हो कि मंगलवार को बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज का सफल दावा करते हुए दवा लॉन्च की। इस दवा को ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ नाम दिया गया है। बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने खतरनाक वायरस के इलाज के लिए इस आयुर्वेदिक दवा को तैयार किया है। उन्होंने बताया कि इस दवा का सेवन करने पर रोगी पांच से 14 दिन के भीतर ठीक हो जाता है। इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण ने इस दवा के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे सामने रखे। इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है। इसका उत्पादन हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कर रहे हैं।