- Advertisement -
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने इजरायल के साथ स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के लिए 500 मिलियन डॉलर की डील को रद्द कर दिया है। मंत्रालय अब मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) स्वदेश में ही बनाना चाहता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को इस मिसाइल को बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। डीआरडीओ को इस तकनीक की मिसाइल बनाने में तीन से चार साल लग जाएंगे। जानकारी के मुताबिक इजरायल के साथ डील रद्द करने की मुख्य वजह भारत में ही अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण को बढ़ावा देना है। इस डील से डीआरडीओ के स्वदेशी हथियार बनाने की तैयारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना माना जा रहा था इसलिए मंत्रालय ने इजरायल के साथ तीसरी पीढ़ी की स्पाइक मिसाइल बनाने की डील को रद्द कर दिया है।
पिछले साल इजरायल से राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम की डील होने के बाद स्पाइक मिसाइल की डील को भारत-इजरायल के संबंधों में और मजबूती के रूप में देखा जा रहा था। इस डील के बाद ही इजरायल के राफेल और कल्याणी ग्रुप के साथ भारत में ही मिसाइल बनाने पर सहमति बनी थी। हैदराबाद के पास इसके लिए एक आधुनिक प्लांट बनाया जा रहा था। इससे पहले डीआरडीओ ‘नाग’ और ‘अनामिका’ जैसी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल बना चुका है। डीआरडीओ को यकीन है कि अगले तीन से चार सालों में बिना किसी विदेशी मदद के वह भी तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) बनाने में सक्षम हो जाएगा।
- Advertisement -