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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) की बैठक में राज्यसभा सलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को शामिल करने के बाद सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल (Surrogacy Regulations Bill) को मंजूरी दे दी। इसी के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन (National Technical Textile Mission) को भी मंजूरी दी। इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के दो इंस्टीट्यूट को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा देने पर भी फैसला लिया गया।
इस बिल को मंजूर करने के साथ ही कैबिनेट ने विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को सरोगेसी की सुविधा देने का फैसला किया है। वहीं, करीबी रिश्तेदार के अलावा किसी महिला के स्वेच्छा से सरोगट बनने के विकल्प को भी बिल में शामिल किया गया है। इस बीरे में जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि सलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को शामिल कर सरोगेसी रेगुलेशन बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बात दें कि संसदीय पैनल ने सिफारिश की थी कि करीबी रिश्तेदार के साथ-साथ अपनी ‘मर्जी’ से ऐसा करने वाली किसी भी महिला को सरोगेट बनने की अनुमति दी जानी चाहिए। सरोगेसी को रेगुलेट करने वाला ये बिल पिछले साल लोकसभा में पेश किया गया था और अगस्त में ये निचले सदन में पास हुआ था। वहीं, राज्यसभा ने इसे सलेक्ट कमेटी को भेजा था।
नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन से देश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत मिलेगी। 1 फरवरी, 2020 को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन की घोषणा की थी। इस बारे में जानकारी देते हुए टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि इस मिशन के संबंध में उद्योग से कई बार मांग उठी। इसका प्रयोग डिफेंस कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर में यूज होता है। 1480 करोड़ का आवंटन किया गया है। 207 टेक्निकल टेक्सटाइल के कोड पीएम मोदी के नेतृत्व में बने। इसके जरिए 50 हज़ार लोगों को स्किल करने व्यवस्था की जाएगी। सरकार का यह मिशन 2020-2021 से 2023-2024 के बीच लागू किया जाएगा। बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि उद्योग और कॉमर्स के विकास और प्रमोशन के लिए 27,300 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
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