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शिमला। हिमाचल (#Himachal) की युवा नींव को नशा खोखला करता जा रहा है। नशा तस्कर चंद पैसे कमाने के चक्कर में युवाओं को नशे की दलदल में धकेल रहे हैं। हालांकि, पुलिस (Police) का शिकंजा भी नशा तस्करों में निरंतर जारी है। अगर हम पिछले चार साल की बात करें तो नशा तस्करी के पांच हजार से अधिक मामले दर्ज कर नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है। वर्ष 2017 में 1,010, वर्ष 2018 में 1,342, 2019 में 1,439 और 2020 में 1,538 मामले दर्ज किए गए थे। इस वर्ष अब तक 350 से मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
अवैध शराब बिक्री की बात करें तो 2017 से 2020 तक 10,315 मामले दर्ज किए गए थे। इस वर्ष अब तक 600 से अधिक मामले (Case) दर्ज किए जा चुके हैं। पंजाब से सटे ऊना जिला में नशे का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। पंजाब से नशे की सप्लाई पहुंच रही है। पिछले तीन साल में अब तक के मामलों की बात करें तो जिला ऊना में चिट्टा (Chitta) के 160 से अधिक, चरस के 100 से अधिक, अफीम के 15 से अधि और अवैध शराब के 550 से अधिम मामले पंजीकृत हुए हैं। इसमें करीब 627.803 ग्राम चिट्टा, 15.366 किलोग्राम 881 मिली ग्राम चरस, 655.586 ग्राम अफीम, 7,60,04,955 मिलीलीटर अंग्रेजी, 2,25,17,857 मिलीलीटर देसी शराब, 40 लीटर लाहण, 400 लिटर स्पिरिट, 1,89,800 मिलीलीटर बीयर पकड़ी गई है। मामलों में 900 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार Arrest किया गया है। इनमें से कुछ मामले कोर्ट (Court) में चल रहे हैं। कुल मामलों में जांच जारी है और कुछ में सजा आदि हो चुकी है।
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