-
Advertisement
हरियाणा में है परदेशी बहुओं का गांव: दूसरे राज्यों से आई है 100 से ज्यादा बहुएं, खेत से लेकर घर तक सब संभाल रही
Last Updated on October 16, 2020 by Deepak
हिसार। एक वक्त में हरियाणा (Haryana) राज्य को लड़कियों की कम जनसंख्या के कारण पूरे देश भर में जाना जाता था। वह दौर ऐसा था कि बेटियों को पैदा होने से पहले ही राज्य में मार दिया जाता था जिसके कारण प्रदेश का लिंगानुपात पूरे देश में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि बीते कुछ वर्षों में इस स्थिति में कुछ सुधार जरूर हुआ है। इस सब के बीच हरियाणा के हिसार जिले में स्थित एक गांव की कुछ अलग ही कहानी है। इस गांव के किसानों (Farmer) के पास कम खेती होने और आसपास के इलाकों में लड़कियों की संख्या कम होने के कारण गांव वालों ने बाहरी राज्यों में अपने लड़कों का विवाह करना शुरू किया। अब इस गांव का आलम कुछ ऐसा हो गया है कि यहां पर बाहरी राज्यों (Other State) से आई 100 से अधिक बहुएं मौजूद है। जो पूरी तरह से हरियाणवी रंग में ढल कर अपनी और पूरे परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं।
पांच राज्यों तक फैल गई है गांववालों की रिश्तेदारी
इन बहुओं की बदौलत ही इस गांव के लोगों की पांच राज्यों झारखंड बिहार छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश और असम में रिश्तेदार या हो गई है। वहीं, दूसरे राज्यों से आई बहुएं हरियाणवी बोली भाषा के साथ साथ उनका खान-पान, पहनावा और काम करने का तरीका भी बदल चुकी हैं। इस गांव का नाम गुलेरी है जहां पर अट्ठारह सौ परिवार रहते हैं। गांव की सरपंच मनीषा ने इस परंपरा की शुरुआत का जिक्र करते हुए बताया कि 15 साल पहले गांव में एक परिवार दूसरे राज्य से बहू लाया था। उसने मेहनत और प्यार से परिवार का दिल तो जीता ही साथ ही ग्रामीणों की नजर में भी अच्छी पहचान बनाई। इसके बाद धीरे-धीरे गांव में परदेसी बहुओं की संख्या बढ़ती चली गई। बाहरी राज्यों से आई बहुएं गांव में सिलाई सेंटर से लेकर ब्यूटी पार्लर तक खोल चुकी है जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है।
यह भी पढ़ें: भारत में तेजी से बढ़ रहा कोरोना का रिकवरी रेट: USISPF Summit में बोले PM मोदी
गांव की ही एक परदेसी बहू के पति ने बताया कि उनके पिताजी हरियाणा में ही उनका रिश्ता देख रहे थे लेकिन कोई लड़की नहीं मिल रही थी इसके बाद गांव में किसी ने कहा कि परदेस से बहू लाकर ब्याह दो वरना लड़का कुंवारा ही रह जाएगा इसके बाद उनके घर वालों ने उनकी शादी बिहार की एक लड़की से करवा दी। उन्होंने बताया कि उनके घर की एक बहू बिहार से आई तो दूसरे का रिश्ता भी वहीं पर कर दिया गया। परदेसी हो गुड़िया बताती हैं कि उन्होंने घूंघट निकालने के साथ ही भैंस का दूध दुहने से लेकर खेत का काम करना तक यही पर सीखा है। उन्होंने बताया कि जब भी उन्हें खाली समय मिलता है तो वह बच्चों को पढ़ा भी देती हैं।