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अंतरिक्ष और उसके ग्रहों में कुछ लोगों को काफी रुचि होती है। ऐसे लोगों के लिए कुछ खास तस्वीरें सामने आई हैं। ये तस्वीरें हैं सूर्य की। ये तस्वीरें सूर्य (Sun) की अब तक की सबसे स्पष्ट तस्वीरें हैं। वैज्ञानिक इन्हें सूर्य की एचडी तस्वीर कह रहे हैं, साथ ही हैरान भी हैं कि इतनी स्पष्ट तस्वीरें कैसे मिल गईं। ये तस्वीर ली हैं यूरोप के सबसे बड़े सोलर टेलीस्कोप ग्रेगोर ने। इन तस्वीरों पर लीबनिज इंस्टीट्यूट फॉर सोलर फीजिक्स (KIS) के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। इसी टेलीस्कोप से यूरोप के वैज्ञानिक सूर्य में हो रही गतिविधियों पर नजर रखते हैं।
GREGOR, the largest solar telescope in Europe, has obtained these "unprecedented" images of fine structures of the Sun.
The telescope was able to resolve details as small as 50 kilometers (31 miles) on the solar surface.
Credit: Leibniz Institute for Solar Physics (KIS). pic.twitter.com/oeOS3zRwg3
— Science & Space (@ScienceIsNew) September 5, 2020
ग्रेगोर टेलीस्कोप ने इस बार काफी उन्नत किस्म की तस्वीरें ली हैं। इन तस्वीरों में सूर्य को बेहद करीब से देखना संभव हुआ है। वैज्ञानिकों का दावा है कि किसी यूरोपीय टेलीस्कोप (European Telescope) से ली गई यह अब तक की सबसे श्रेष्ठ तस्वीरें हैं। लीबनिज इंस्टीट्यूट फॉर सोलर फिजिक्स के इंजीनियरों ने इसके लेंस को ही नए सिरे से तैयार किया है। इन नए लेंस की वजह से सूर्य की इन नई तस्वीरों को ले पाना और उनका विश्लेषण कर पाना संभव हो पाया है।
The GREGOR solar telescope in Spain just delivered this amazing view of the Sun, with magnetic tubes of plasma snaking out of a sunspot bigger than the Earth. https://t.co/2vgpf3SPUm pic.twitter.com/bi3rGWw0rc
— Corey S. Powell (@coreyspowell) September 4, 2020
ग्रेगोर दूरबीन का लेंस इतना ताकतवर है कि यह सूर्य की जो तस्वीरें खींच रहा है वह 48 किलोमीटर की दूरी से सूर्य को देखने जैसा है। इसके पहले भी नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने भी अपने सूर्य अभियान के तहत करीबी फोटो खींचने में सफलता पाई थी। इस बार की तस्वीरों के बारे में वैज्ञानिकों ने बताया है कि इन तस्वीरों का छोटा का कण भी करीब 865000 मील के व्यास का है यानी यह स्थिति किसी फुटबॉल के मैदान में एक किलोमीटर की दूरी से एक सूई को खोजने जैसी है। तस्वीरों में वे सारे सन स्पॉट (Sun spot) और वहां से उभरती हुई लपटों को भी अच्छी तरह समझा जा सकता है। सूर्य की लपटों में जो प्लाज्मा किरणें होती हैं, वे अंतरिक्ष में लाखों किलोमीटर तक जाने के बाद वापस सूर्य पर बरसती हैं। इस बार तस्वीरों से इन्हीं सौर प्लाज्मा की गतिविधियों को भी समझने में मदद मिली है। तस्वीरों में जो अंधेरे इलाके नजर आते हैं, व सन स्पॉट हैं जो लगातार बदलते रहते हैं क्योंकि सूर्य में निरंतर विस्फोट होता रहता है।इन्हीं विस्फोटों की वजह से सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में लगातार बदलाव होते रहते हैं। शोधकर्ताओं की लीडर डॉ लुसिया क्लेइंट ने कहा कि इसे पहली बार इस तरीके से देख पाना एक सुखद अनुभव रहा। इससे पहले यह दूरबीन इतने साफ तरीके से सूर्य को नहीं देख पाई थी।
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