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सुंदरनगर। मंडी जिला के अधिकतर डिपुओं में नवंबर माह का चीनी का कोटा नहीं पहुंचा है, जिसके कारण मंडी जिला के उपभोक्ताओं को बिना चीनी के ही काम चलाना पड़ेगा। विधानसभा चुनावों की मार इस बार उपभोक्ताओं पर सीधे तौर पर पड़ी है। चीनी की खरीद फरोख्त न होने की सूरत में डिपुओं में खाद्य सामग्री नहीं पहुंची है। अगर जिला में कहीं-कहीं पर डिपुओं में चीनी बिक भी रही है तो अक्तूबर माह का कोटा गोदामों में शेष बचा है, जिसे डिपोधारकों द्वारा अक्तूबर माह में ही लिफ्ट कर लिया गया है, जो कि कुछ डिपुओं में बेचा जा रहा है। लेकिन, अधिकांश डिपुओं में चीनी का कोटा नहीं पहुंचा है। इससे उपभोक्ता पसोपेश में हैं और स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली जब कभी भी पटरी पर आती है, तो एक-दो माह बाद फिर लड़खड़ा जाती है और उपभोक्ताओं को एकमुश्त खाद्य सामग्री डिपुओं से मुहैया नहीं होती है, जिसके कारण उपभोक्ता बार-बार डिपुओं के चक्कर काटने को विवश होकर रह गए हैं। वहीं अगर बात सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन की करें तो मंडी एरिया से नवंबर माह के लिए 6979 क्विंटल, दिसंबर के लिए 5695 क्विंटल व जनवरी के लिए 5965 क्विंटल की डिमांड भेजी है। फाइल टेंडर प्रक्रिया को सिरे चढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के अधीन है। जैसे ही चुनाव आयोग से चीनी की खरीद को लेकर मंजूरी मिलती है, वैसे ही डिपुओं को चीनी की सप्लाई मुहैया होगी, लेकिन उस समय तक उपभोक्ताओं को इंतजार करना होगा।
उधर, सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक खेम चंद शर्मा का कहना है कि तीन माह के लिए चीनी की डिमांड की फाइल चुनाव आयोग को भेजी गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने व चुनाव आयोग से फाइल को मंजूरी मिलने के बाद ही चीनी की खरीद फरोख्त होगी। कुछ डिपुओं में अक्तूबर माह का कोटा डिपोधारकों द्वारा लिफ्ट किया गया, जो कि नवंबर में कहीं-कहीं पर वितरित किया जा रहा है।
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