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भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव (Madhya Pradesh Assembly by-election) की सुगबुगाहट के बीच सूबे के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) को एक के बाद एक झटके लगते जा रहे हैं। इस सब के बीच गुरुवार को खंडवा के मांधाता से विधायक नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा (Resignation) दे दिया। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने इसे स्वीकार कर लिया है। 15 दिनों के अंदर कांग्रेस को यह तीसरा बड़ा झटका है। नारायण पटेल के इस्तीफे के साथ ही एमपी में कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 87 रह गई है। इससे पहले कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न लोधी और सावित्री देवी कासडेकर ने भी इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। वहीं अब बताया जा रहा है कि पटेल भी बीजेपी (BJP) ज्वाइन करेंगे। वह शाम को भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने बीजेपी की सदस्यता लेंगे।
विधायकों के इस्तीफे से एमपी में कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है। कांग्रेस के प्रदेश में अब 87 विधायक हैं। वहीं, बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बीजेपी को सरकार में रहने के लिए अब सिर्फ 9 विधायकों की आवश्यकता है। नारायण पटेल के इस्तीफे के बाद एमपी में 27 सीटों पर उपचुनाव होंगे। जिन 27 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, उनमें से दो सीट विधायकों की मृत्यु के कारण खाली हुईं जबकि 25 अन्य ने खुद ही अपनी सदस्यता छोड़ दी है। मुरैना जिले की जौरा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का 21 दिसंबर 2019 को निधन हो गया था। इसी साल 30 जनवरी को आगर-मालवा से बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल का भी बीमारी के कारण निधन हो गया। बता दें कि मध्य प्रदेश में 10 मार्च को कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का हाथ थाम लिया था और तत्कालीन कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाकर आखिरकार गिरा दिया था। इसके बाद 12 जुलाई को बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और 17 जुलाई को नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी इस्तीफा दे दिया था। 23 जुलाई को मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली।
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