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विधायक प्राथमिकता बैठक में मुकेश ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, जताई नाराजगी
Last Updated on January 8, 2020 by Deepak
शिमला। योजना की मीटिंग में हिस्सा लेते हुए प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने कहा कि जयराम सरकार विकास में भेदभाव कर रही है उन्होंने बीते दो सालों में हरोली विधानसभा के लिए विधायक प्राथमिकता के तहत एक भी डीपीआर ना बनाए जाने पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इस दौरान नाबार्ड से सैकड़ों करोड़ के क़र्ज़ लिए गए लेकिन विकास में हरोली विधानसभा (Haroli Assembly) को शून्य पर रखा गया। दलील दी कि बर्फ़बारी के बावजूद वह हरोली के विकास की बात रखने इस मीटिंग में आए। हालांकि अब तक प्रतिपक्ष के नेता के आने की रवायत नहीं थी लेकिन वह लगातार तीसरी दफ़ा आए हैं। मगर हरोली के बजट का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कांग्रेस राज में मंज़ूर हरोली हल्के के क़रीब 50 नलकूपों का काम दो सालों से लटका कर रखने पर ग़ुस्सा जताया। मुक़ेश अग्निहोत्री ने नजायज खनन की लूट पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि स्वां में पोकलेन और जेसीबी आतंक मचा रही है और रेत के भारी भरकम डम्प लगे हैं। ओवरलोडेड टिप्पर सारी रात हड़कंप मचा रहे हैं।
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मामला सीएम के ध्यान में होने के बावजूद माफिया पर एक्शन नही हो रहा। उन्होंने दलील दी की करोड़ों की रायलटी का नुक़सान हो रहा है। मुकेश ने टाहलीवाल से बाथडी, पालकवाह से जैजों और पंडोगा- होशियारपुर की सड़कों की दुर्दशा का मामला उठाया। उन्होंने स्वां प्रोजेक्ट को हो रहे नुक़सान पर भी चिंता जताई। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रहे नशे की तरफ़ भी सरकार का ध्यान खींचा और दलील दी कि बीते साल में प्रदेश में साढ़े आठ किलो चिट्टा पकड़ा गया है। मुकेश अग्निहोत्री ने जनमंच में अफ़सरों व कर्मचारियों को डांटने पर भी अफ़सोस जताया और कहा की जनमंच में विकास कार्यों के धन का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने प्रदेश में होटेल और ज़मीनें बेचने के लिए सरकार को ख़बरदार किया। इसके साथ ही उन्होंने सीएम से विधायक निधि को डेढ़ करोड़ से बढ़ा कर दो करोड़ करने और एच्छिक निधि को 15 लाख करने की वकालत की।