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Mukesh ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का निर्णय जनविरोधी दिया करार, वापस लेने की मांग
Last Updated on June 25, 2020 by Vishal Rana
ऊना। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने कोरोना (Corona) काल में हिमाचल सरकार के बिजली दरों में बढ़ोतरी के निर्णय को जनविरोधी करार दिया है। फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिजली (Electricity) उपदान घटाने-हटाने का निर्णय बेहद खेदजनक है। इससे जाहिर है कि सरकार विवेक खो चुकी है। इस निर्णय से लाखों लोगों को नुकसान होगा। सरकार जिस निर्णय को युक्तिकरण बता रही है, यह गैरजरूरी कदम है। सरकार को पता होना चाहिए कि यह बिजली राज्य है, बिजली यहां पैदा होती है, इसलिए इसकी तुलना दूसरे राज्यों से नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार मध्यवर्गीय लोगों को लगातार करंट दे रही है। इससे पहले सरकार ने राशन योजना से खिलवाड़ किया और उपदान घटाया गया, जिससे लाखों लोगों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राशन व बिजली महंगी करके पैसा कमाने के इरादे गलत हैं।
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बता दें कि सरकार ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान के युक्तिकरण का निर्णय लिया है। सरकार का दावा है कि ऐसे उपभोक्ता जो बिजली की कम खपत करते हैं, उनके मासिक बिलों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 11 लाख ऐसे उपभोक्ता (Consumer) जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं, उनके उपदान स्वरूप को नहीं बदला गया है। ऐसे लगभग चार लाख उपभोक्ता जो 125 से 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करते हैं, उनके मासिक बिल 40 से 113 रुपये तक बढ़ेंगे। शेष उपभोक्ताओं को बिजली की खपत के अनुसार ही मासिक बिलों का भुगतान करना होगा।