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हिमाचल में मल्टी टास्क भर्ती: 2022 चुनावों में बीजेपी का करेगी पलड़ा भारी या बनेगी सिरदर्द…
Last Updated on December 14, 2021 by admin
मंडी। चुनावी वर्ष में प्रवेश करने से पहले राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 8 हजार मल्टी टास्क वर्करों को भर्ती (Multitask Recruitment) करने का जो निर्णय लिया है, उससे सरकार और चुने हुए नुमाईदों के प्रति बड़ी संख्या में नाराजगी पैदा होने वाली है। कारणए भर्ती में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जनप्रतिनिधियों का दखल। 4 हजार पद तो सीधे सीएम जयराम (CM Jai Ram) की संस्तुति पर भरे जाएंगे, जबकि 4 हजार पदों को विभागीय प्रक्रिया के माध्यम से भरने की बात कही जा रही है। लेकिन इसमें भी सभी जानते हैं कि विभागीय अधिकारियों को उपर से जो आदेश आएंगे, उन्हें उसी के तहत भर्ती करनी होगी। इससे लोगों में सरकार और नुमाईदों के प्रति नाराजगी पैदा हो जाएगी। किसी एक स्कूल में सिर्फ एक ही मल्टी टास्क वर्कर रखा जाएगा जबकि उस पद के लिए कम से कम आधा दर्जन या इससे अधिक आवेदन पत्र (Application letter) आ रहे हैं। तैनाती किसी एक को मिलेगी और बाकी नाराज हो जाएंगे।
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इस बात में कोई शक नहीं कि चुनावों के दौरान इस नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़े। अभी इस भर्ती को लेकर गाहे-बगाहे यह चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं कि फलां स्कूल में फलां को रखा जाएगा, क्योंकि वो फलां नेता का खास है। वहीं दूसरी तरफ सीएम कार्यालय (CM Office) की बात करें तो वहां पर अभी से ही आवेदनों की झड़ी लग गई है। सीएम जयराम ठाकुर, अन्य मंत्री और विधायक जब भी क्षेत्र के दौरे पर जा रहे हैं तो उन्हें हजारों की संख्या में लोगों की तरफ से यह आवेदन पत्र प्राप्त हो रहे हैं। खुद नेताओं के लिए यह भर्ती सिरदर्द बन गई है कि वे किसकी सिफारिश करें और किसकी नहीं। भर्ती के शुरूआती दौर में देखें तो इसका मामला कोर्ट में भी पहुंच गया है। यदि सरकार को लोगों की नाराजगी का सामना नहीं करना तो फिर इस भर्ती प्रक्रिया को इतना अधिक पारदर्शी बनाना होगा कि सिर्फ और सिर्फ पात्र को ही यह नौकरी मिले। क्योंकि चहेतों को भर्ती करने का खामियाजा भुगतने के लिए सरकार के पास समय भी कम ही बचा होगा।
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