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धर्मशाला। अपने जेई के रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े जाने के बाद नगर निगम धर्मशाला भी सतर्क हो गई है। नगर निगम ने अब महीने में दो बार नक्शे से जुड़े आवेदनों की स्थिति को जांचने का निर्णय लिया है। इसके लिए हर 15 दिन के बाद बैठक होगी। बैठक में मेयर, डिप्टी मेयर व आयुक्त समीक्षा करेंगे। यह देखेंगे कि किस आवेदक ने किस दिन को नक्शे के लिए आवेदन किया था और उसकी मौजूदा स्थिति क्या है।
अगर कोई कर्मचारी लापरवाही करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी मौके पर ही अमल में लाई जाएगी। यह निर्णय धर्मशाला नगर निगम (MC) की आमसभा की बैठक में लिया गया। यह बैठक मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में निगम कर्मियों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) भी 4 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है। बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला भी लिया गया। बैठक में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) से बकायदा सॉफ्टवेयर (Software) बनवाने का निर्णय लिया है। इस सॉफ्टवेयर से नक्शों की स्थिति जानने में और भी सुविधा होगी।
आमसभा की बैठक की शुरूआत में रिश्वत मामले में गिरफ्तार (Arrest) जेई मामले की चर्चा हुई। मेयर देवेंद्र जग्गी ने इसे बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे मामले से नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी कर्मियों पर सख्ती से लगाम लगाई जाए, जिससे निगम की कार्यप्रणाली सुधरे और जनता के काम जल्द हो सकें।
बैठक में मेयर ने कहा कि कई आवेदक ऐसे हैं, जिनके नक्शों की फाइलें पड़े एक वर्ष से भी ज्यादा समय गुजर गया है, लेकिन उनकी फाइलों को मंजूरी नहीं दी गई है। वहीं, उन लोगों के कार्य जल्द किए जा रहे हैं, जिनकी पहुंच है। अभी तक 288 नक्शों से संबंधित मामले लंबित पड़े हैं। अब माह के तीसरे सोमवार को जनमंच की तर्ज पर नगर निगम कार्यालय में जन शिकायतें सुनी जाएंगी, जिससे आम जनता को अपनी समस्याएं हल करवाने के लिए कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े।
बैठक में नगर निगम (MC) में चल रही स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। इस संबंध में नगर निगम की ओर से लगातार तीसरी बार स्टाफ दिए जाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से स्टाफ उपलब्ध नहीं करवाया गया। जिस कारण नगर निगम धर्मशाला में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बैठक में ये भी प्रस्ताव पारित किया गया कि नगर निगम के पुराने क्षेत्र में सीवरेज के रखरखाव के लिए भी सरकार आइपीएच को फंड दे।
मर्ज एरिया को संतुलित विकास हो सके इसके लिए नगर निगम (MC) की आमसभा की बैठक में मर्ज एरिया को सरकार से 10 करोड़ की ग्रांट देने की भी मांग उठाई गई। सभी पार्षदों ने अपनी सहमति जाहिर की। कहा कि जब सरकार शिमला के मर्ज एरिया को ग्रांट जारी कर सकती हैं तो नगर निगम धर्मशाला के लिए क्यों नहीं।
मेयर ने जानकारी दी कि जब नगर निगम बना था तो सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक हर साल लक्ष्य योजना के तहत एक करोड़ दिए जाने का प्रावधान किया गया था, लेकिन अभी तक महज योजना के तहत एक करोड़, 60 लाख ही नगर निगम को मिले हैं।
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