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Election shimla: शिमला। नगर निगम के चुनावों का रोस्टर जारी होने के बाद मौजूदा पार्षद और पार्षद बनने से इच्छुकअब उन वार्डों की तलाश में जुट गए हैं, जहां से वे नगर निगम में एंट्री पा सकें। इसके लिए संभावित प्रत्याशियों ने अपना नया ठिकाना तलाशना शुरू कर दिया है। पार्षद बनने के चाहवान उन वार्डों में सर्वे कर रहे हैं और वहां अपनी टीम को खोज रहे हैं, जो चुनावों में उनके लिए मददगार हो सकते हैं।
इसके साथ-साथ ही उस वार्ड के गणित भी समझ रहे हैं। नगर निगम में इस बार वार्डों की संख्या को बढ़ाकर 34 कर दिया गया है और इनमें से आधे तो महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं और कुछ वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुए हैं। अब बाकी बचे हुए 14 वार्डों पर पुरुष उम्मीदवार अपनी जोर आजमाइश लगा रहे हैं और वार्ड के मतदाताओं के साथ-साथ उनके समीकरण को देख रहे हैं। नगर निगम के मौजूदा पार्षदों में सुरेंद्र चौहान, सुशांत कपरेट, शशि शेखर चीनू, दीपक रोहाल के अलावा पूर्व पार्षद मनोज कुमार, सुधीर आजाद, अनूप वैद्य आदि नया ठिकाना तलाश रहे हैं।
ये सभी पार्षद खुद के लिए सीट की तलाश रहे हैं। यही नहीं इनमें से कई खुद के साथ-साथ पत्नी को भी विकल्प के रूप में देख रहे हैं। यदि पुरुष वार्ड में कहीं संभावना न बनी तो महिला आरक्षित वार्ड से पत्नी के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। ऐसे में आजकल यहां चर्चा इस बात को लेकर जोरों पर है कि किस वार्ड में कौन-कौन सर्वे कर रहा है और कौन फीडबैक ले रहा है। इससे वार्डों मे राजनीति गरमाई हुई है।
उधर, जो वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, उनमें महिलाएं अपने-अपने समीकरणों को खंगाल रही हैं। कांग्रेस, बीजेपी और माकपा भी प्रत्याशियों की खोज में जुटे हैं। इनमें बीजेपी और माकपा ने तो काफी होमवर्क कर भी लिया है और कांग्रेस इसमें सबसे फिसड्डी है। इसका कारण इस बार चुनाव की राजनीतिक पार्टियों के सिंबल पर न होना है। पार्टी सिंबल पर चुनाव न होने के बाद भी बीजेपी और माकपा अपने प्रत्याशी घोषित कर सकती है, लेकिन कांग्रेस में इसे लेकर कोई फैसला अभी तक नहीं हुआ है। बहलहाल, नगर निगम चुनावों को लेकर अब संभावित प्रत्याशियों ने खुद ही अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है और इससे अब राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है।
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