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अंजनी सुत, पवन पुत्र हनुमान का जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हनुमान जयंती (Hanuman jayanti) के दिन बजरंगबली का विधिवत पूजा-पाठ करने से शत्रु पर विजय और मनोकामना की पूर्ति होती है। इस वर्ष 2020 में हनुमान जयंती 8 अप्रैल 2020, बुधवार को है।
हनुमान जयंती की तिथि और शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 7 अप्रैल 2020 को दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 8 अप्रैल 2020 को सुबह 8 बजकर 4 मिनट तक
श्री हनुमान चालीसा की तरह ही श्री बजरंग बाण (Bajrang baan) भी एक सिद्ध स्तोत्र है। इस सिद्ध शक्तिशाली बाण को विधि पूर्वक प्रयोग करने से साधक के समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है। इस बाण की सिद्धि करने से साधक के शरीर में हनुमान जी की शक्ति प्रवेश कर जाती है। क्रिया एक ही है कि अपने सामने हनुमान जी का चित्र रखकर श्रद्धा और विश्वास के साथ उनका ध्यान करना चाहिए। मन की एकाग्रता का अभ्यास करते हुए मन स्वतः ही काबू में हो जाता है। हनुमान जी के चित्र की भली-भांति पूजा-अर्चना करके श्रद्धायुक्त प्रणाम कर यह स्तुति करनी चाहिए।
“अतुलित बलधामं हेमशैलाभ देहं दनुजवन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्, सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपति प्रिय भक्तं वातजातं नमामि।”
यह स्तुति करके साधक को चाहिए कि वह पास ही दाहिनी ओर एक आसन और बिछा दे जैसे कि शास्त्र (ethology) में इसका वर्णन आता है कि जब भी बजरंग बाण का पाठ किया जाए तो स्वयं हनुमान जी आसन पर आकर विराजते हैं। बजरंग बाण का जब भी पाठ करें, ऊनी वस्त्र के आसन पर ही बैठकर करें। जिसे हनुमान जी वरण कर लेते हैं। तब साधक के अंदर एक नई स्फूर्ति एवं शक्ति का संचार हो जाता है। मन में एक नई चेतना एक नये जोश का स्फुरण होने पर वह अपने को बलवान समझने लगता है, निर्भीक और निर्भय हो जाता है तथा समस्त प्रेत बाधाएं तथा आसुरी शक्तियां (Demonic powers) ऐसे भजन को देखते ही भाग खड़ी होती हैं। यह हजारों का अनुभव है उन्होंने कहा है कि बजरंग बाण का नियमित पाठ बाधाओं और आने वाली कठिनाईयों से रक्षा करता है।
बजरंग बाण के बारे में कहा जाता है कि इसका प्रयोग हर कहीं, हर किसी को नहीं करना चाहिए। जब व्यक्ति घोर संकट में हो तब ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए वरना राम भक्त हनुमान इसके प्रयोग में हुई त्रुटि को क्षमा नहीं करते हैं। छोटी-मोटी समस्याओं में इसका प्रयोग निषेध है। इसका प्रयोग किसी अत्यंत अभिष्ट कार्य के लिए भी किया जाता है, मगर इसमें सावधानी रखने की जरूरत होती है। इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए इन बातों की रखें सावधानी –
हनुमान जयंती या फिर मंगलवार या शनिवार का दिन तय करें। हनुमानजी की प्रतिमा या आकर्षक चित्र रख लें। ॐ हनुमंते नम: का जप निरंतर करें।
पूजा के लिए कुशासन (एक विशेष प्रकार की घास से बना आसन) प्रयोग करें।
जप के प्रारंभ में यह संकल्प लें कि आपका कार्य जब भी सिद्ध होगा, हनुमानजी की सेवा में नियमित कुछ अवश्य करेंगे। अब शुद्ध उच्चारण से हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण का जाप प्रारंभ करें। ‘श्रीराम’ से लेकर ‘सिद्ध करैं हनुमान’ तक एक बैठक में ही इसकी एक माला जप करनी है।
पूजा के लिए स्थान का शुद्ध एवं शान्त होना जरूरी है। किसी एकांत अथवा निर्जन स्थल में स्थित हनुमानजी के मन्दिर (Hanuman Temple) में प्रयोग करें।
हनुमान जी की पूजा में दीपदान का खास महत्व होता है। पांच अनाजों (गेहूं, चावल, मूंग, उड़द और काले तिल) को पूजा से पहले एक-एक मुट्ठी मात्रा में लेकर शुद्ध गंगाजल में भिगो दें।
अनुष्ठान वाले दिन इन अनाजों को पीसकर इस आटे से दीया बनाएं।
बत्ती के लिए एक कच्चे सूत को अपनी लंबाई के बराबर काटकर लाल रंग में रंग लें। इस धागे को पांच बार मोड़ लें।
इस प्रकार के धागे की बत्ती को सुगन्धित तिल (Aromatic sesame) के तेल में डालकर प्रयोग करें।
जब तक पूजा चले यह दिया जलता रहना चाहिए। गूगल और धूप की विशेष व्यवस्था रखें।
विवाह बाधा खत्म – कदली वन, या कदली वृक्ष के नीचे बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह की बाधा खत्म हो जाती है। यहां तक कि तलाक जैसे कुयोग भी टलते हैं।
ग्रहदोष समाप्त- अगर किसी प्रकार के ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो प्रात:काल बजरंग बाण का पाठ, आटे के दीप में लाल बत्ती जलाकर करें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह दोष पल भर में टल जायेगा।
साढ़े साती-राहु से नुकसान की भरपाई – अगर शनि, राहु, केतु जैसे क्रूर ग्रहों की दशा, महादशा चल रही हो तो उड़द दाल के 21 या 51 बड़े एक धागे में माला बनाकर चढ़ायें। सारे बड़े प्रसाद के रूप में बांट दें। आपको तिल के तेल का दीपक जलाकर सिर्फ 3 बार बजरंग बाण का पाठ करना होगा।
कारागार से मुक्ति – अगर किसी कारणवश जेल जाने के योग बन रहे हों, या फिर कोई संबंधी जेल में बंद हो तो उसे मुक्त कराने के लिए हनुमान जी की पूंछ पर सिंदूर से 11 टीका लगाकर 11 बार बजरंग बाण पढ़ने से कारागार योग से मुक्ति मिल जाती है।
अगर आप 11 बार बजरंग बाण पढ़कर हनुमान जी को 11 गुलाब चढ़ाते हैं या फिर चमेली के तेल में 11 लाल बत्ती के दीपक जलाते हैं तो बड़े से बड़े कोर्ट केस में भी आपको जीत मिल जायेगी।
सर्जरी और गंभीर बीमारी टाले – बजरंग बाण कई बार पेट की गंभीर बीमारी जैसे लीवर में खराबी, पेट में अल्सर या कैंसर (cancer) जैसे रोग हो जाते हैं, ऐसे रोग अशुभ मंगल की वजह से होते हैं। अगर इस तरह के रोग से मुक्ति पानी हो तो हनुमान जी को 21 पान के पत्ते की माला चढ़ाते हुए 5 बार बजरंग बाण पढ़ना चाहिए। ध्यान रहे कि बजरंगबाण का पाठ राहुकाल में ही करें। पाठ के समय घी का दीप जरूर जलायें।
छूटी नौकरी दोबारा दिलाए – बजरंग बाण अगर नौकरी छूटने का डर हो या छूटी हुई नौकरी (job) दोबारा पानी हो तो बजरंगबाण का पाठ रात में नक्षत्र दर्शन करने के बाद करें। इसके लिए आपको मंगलवार का व्रत भी रखना होगा।
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