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धर्मशाला। राजा नहीं फकीर है, जनता की तकदीर है। जी हां आपने कई बार सीएम वीरभद्र सिंह की जनसभा में यह नारा सुना होगा। आखिर यह नारा क्यों कहा जाता है, इसका खुलासा भी जल्द होगा। सीएम वीरभद्र सिंह पर राजा तां फकीर शीर्षक से लिखी जा रही किताब में आपकों इस बात की पूरी जानकारी मिलेगी। यह हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह कहना है किताब लिखने वाले डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा का। धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में विनय शर्मा ने बताया कि 15 अगस्त को आजादी के पर्व पर यह किताब लांच करने की योजना है। विनय शर्मा ने बताया कि उन्होंने कई बार सीएम वीरभद्र सिंह की जनसभा या कार्यक्रम में यह नारा सुना था कि राजा नहीं फकीर है, जनता की तकदीर है। जिस पर उन्हें ख्याल आया कि इसका पता किया जाए कि ऐसा क्यों कहा जाता है। इसके बाद उन्होंने लोगों से संपर्क करना शुरू किया।
डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने कहा कि प्रदेश की राजनीति में दो महान शख्सियतें कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद शांता कुमार और दूसरे सीएम वीरभद्र सिंह हैं। उन्होंने बताया कि शांता कुमार पर तो 2-3 किताबें लिखी जा चुकी हैं, ऐसे में उन्होंने सीएम वीरभद्र सिंह पर किताब लिखने का निर्णय लिया है। विनय शर्मा ने बताया कि किताब में 120 के लगभग पन्ने होंगे। किताब लिखने के लिए उन्होंने 500 से अधिक लोगों से फीडबैक लिया है और सीएम के किस्सों को सुना है। अब इन किस्सों को जिसने जैसे बताया है, उस व्यक्ति की फोटो सहित किताब में प्रकाशित किया जाएगा। उनकी किताब का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और न ही इसे कमर्शियल नजरिए से लिखा जा रहा है। किताब में उनका सिर्फ एक पन्ना होगा, जबकि लोगों द्वारा सीएम बारे बताई गई बातों को ही किताब में प्राथमिकता दी जाएगी।
डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने बताया कि सीएम वीरभद्र सिंह को फकीर क्यों कहा जाता है के बारे किताब के माध्यम से युवा पीढ़ी को भी यह जानकारी मिल पाएगी। युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया में रुचि के चलते इस किताब को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया जाएगा। सीएम पर आधारित 90 फीसदी किस्से आम जनता के होंगे, जबकि 10 फीसदी किस्से सीएम के रिश्तेदारों व उनके खास लोगों के बारे में होंगे।
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