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शिमला। हाऊस टैक्स बढ़ाने की बात को लेकर शिमला शहर की जनता नाराज है। शनिवार को नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में हाऊस टैक्स को बढ़ाने का मुद्दा जोरों शोरों से गरमाया, जिसका सभी पार्षदों ने पुरज़ोर विरोध किया। पार्षदों का कहना है कि जब नगर निगम सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दे रही है तो हाऊस टैक्स क्यों लिया जाए। इस पर नगर निगम मेयर ने कहा कि हाऊस टैक्स को लेकर कमेटी का गठन किया जाएगा, लेकिन पार्षदों ने इसका भी विरोध किया।
फ़िलहाल हाऊस टैक्स का मामला अभी ठंडे बस्ते में चला गया है। इसके अलावा नगर निगम की मासिक बैठक में कुत्तों ओर बंदरो के आतंक का मामला भी गरमाया और इनका हल निकालने पर भी चर्चा हुई, लेकिन हमेशा की ही तरह कुतों-बंदरो की समस्या का कोई हल नही निकल पाया। सिर्फ बंदरों-कुत्तो की नशबंदी की बात कहकर नगर निगम शिमला ने अपना पल्ला झाड़ लिया गया।
एक तरफ नगर निगम शिमला की मासिक बैठक चल रही थी तो बाहर नागरिक सभा नगर शिमला ने मेयर के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था। नागरिक सभा ने प्रॉपर्टी टैक्स एवं गंदगी के विरोध में मेयर का घेराव किया और निगम के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेन्द्र मेहरा ने नगर निगम शिमला पर आरोप लगाया कि एक तरफ शिमला में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं।
दूसरी तरफ कूड़े के दाम बढ़ाने की तैयारी चल रही है। पानी की समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। शराब के ठेकों की नीलामी की जा रही है। यानी कि सुविधाओं के नाम पर तो शिमला के लोगों को कुछ नही मिल रहा, उल्टा अनावश्यक टैक्स लगाकर नगर निगम शिमला जनता के ऊपर बोझ डालने का काम कर रही है। जो नागरिक सभा बर्दाश्त नही करेगी।
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