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घर खर्च निकालने के लिए चिकन बेच रहा नेशनल Gold Medalist, नहीं मिल रही सरकार से मदद
Last Updated on June 8, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। अपनी प्रतिभा के दम पर नेशनल लेवल तक जाने और देश के लिए गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतने वाले खिलाड़ी लॉक डाउन में अपना घर चलाने के लिए मुर्गा बेचने के लिए मजबूर हैं। घर में इस समय खाने-पीने की बड़ी किल्लत है लेकिन इस खिलाड़ी को सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है। हम बात कर रहे हैं झारखंड के सरायकेला-खरसावां (Saraikela) जिले के गोल्ड मेडलिस्ट तीरंदाज अनिल लोहार (Gold Medalist Archor Anil Lohar) की। देश के लिए गोल्ड लेकर आने के बाद भी यह गरीबी में जिंदगी जीने को मजबूर हैं। कोरोना के चलते घर में पानी की भी किल्लत है ऐसे में वह पीने के पानी के लिए घर में कुआं खोद रहे हैं।
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घर पर खोद लिया 20 फ़ीट गहरा कुआं
सरायकेला स्थित गम्हरिया प्रखंड के पिण्ड्राबेड़ा निवासी अनिल लोहार को कोरोना काल में पीने के पानी के लिए दिक्कत आ रही थी उन्हें एक स्कूल में लगे हैंडपंप से पानी लाना पड़ता था लेकिन, इसके बाद उन्होंने खुद अपने घर में कुआं खोदने की बात सोची। वह पिछले 25 दिन से खुदाई कर रहे हैं, अब तक वह करीब 20 फ़ीट गहरा कुआं खोद चुके हैं।
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नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में जीता था गोल्ड मेडल
वहीं, उनकी तीरंदाजी की बात करें तो अनिल लोहार कोरोना से पैदा हुए हालातों के बाद भी तीरंदाजी कर रहे हैं। गौर हो, उन्होंने पिछले साल मार्च में ओडिशा में हुई नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने सरायकेला के रतनपुरा स्थित तीरंदाजी एकेडमी में उन्होंने शुरुआत की थी। उनका कहना है कि उन्हें लगता था कि तीरंदाजी में इतना सफल होने के बाद उन्हें सरकारी नौकरी मिल जाएगी। लेकिन अभी तक उन्हें नौकरी नहीं मिली है। अब घर का खर्चा चलाने के लिए मुर्गे की दुकान खोल ली।