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सांस लेने लायक नहीं सुंदरनगर की फिजाएं, हवा की गुणवत्ता सुधारने के आदेश
Update: Tuesday, October 16, 2018 @ 12:10 PM

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देशभर के 22 राज्यों के 102 शहरों को हवा की गुणवत्ता सुधारने के आदेश दिए हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सात शहर शामिल हैं। हिमाचल के सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी, डमटाल, काला अंब, सुंदरनगर, परवाणू, पावंटा साहिब और नालागढ़ शामिल हैं। बता दें कि सुंदरनगर में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। नगर परिषद द्वारा चांदपुर में डंपिंग साइट का निर्माण किया है और कई वर्षों से यहां पर खुले में गंदगी फैंकी जा रही है, जिसके खिलाफ लोगों ने कई बार धरना-प्रदर्शन कर इस का विरोध भी किया।

स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी विनोद स्वरूप का कहना है की अगर नगर परिषद और सरकार लोगों को गंदगी से मुक्ति नहीं दिलाती है, तो लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से शिकायत कर समस्या का निपटारा करवाया जाएगा। वहीं, नगर परिषद सुंदरनगर के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा ने कहा कि नप ने शहरी विकास विभाग को योजना का खाका तैयार करके बजट की मंजूरी के लिए भेजा है। बजट मिलते ही योजना को मूर्त रूप किया जाएगा। इसके अलावा डंपिंग साइट में कचरा प्रबंधन प्रोसेस निरंतर जारी है। बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने वालों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
नगर परिषद की समस्या
रोपा वार्ड में चांदपुर स्थित डंपिंग साइट में 5 करोड़ 92 लाख से सालिड वेस्ट गारवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना है। जिसमें कुड़ा कचरा से बायो गैस तैयार कर विद्युत उत्पाद की लक्ष्य रखा गया है। शहरी विकास विभाग की सुंदरनगर में 5 करोड़ के खर्च से अंडर ग्राउंड डस्टविन और 5 करोड़ 92 लाख से सालिड वेस्ट गारवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की योजना मंजूर की गई थी। दो वर्ष के बाद भी योजना के तहत डंपिग साइट में गारवेज ट्रीटमेंट प्लांट को बजट में एक पैसा नहीं मिला है।