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meeting: धर्मशाला। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हो रहे कार्य क्या धरातल पर कारगर साबित हो रहे हैं या नहीं। इसका पता लगाने के लिए धर्मशाला में बैठक का आयोजन किया गया। एनएचएम के मिशन डायरेक्टर (एमडी) पंकज राय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला कांगड़ा, चंबा, ऊना व हमीरपुर के सीएमओ, बीएमओ, एमएस व अन्य मेडिकल ऑफिसर्स ने भाग लिया। इस दौरान विभिन्न जिलों की आशा वर्कर व मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर्स भी उपस्थित रहीं।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए एनएचएम के एमडी पंकज राय ने कहा कि शनिवार को जोन स्तरीय रिव्यू मीटिंग धर्मशाला में आयोजित की गई, जिसमें जिला कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर व ऊना के स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि रिव्यू मीटिंग के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया गया है कि योजना के तहत क्या कार्य हुए हैं तथा कहां-कहां समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल लेवल पर हिमाचल स्वास्थ्य क्षेत्र में पहले ही काफी ऊपर है। उन्होंने बताया कि रिव्यू मीटिंग में जो समस्याएं उठाई गई हैं, उनमें जो मेरे स्तर पर हल करने वाली होंगी तो की जाएंगी तथा अन्य समस्याओं को समाधान बारे सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों ने अपनी समस्याएं बताई।
बैठक में कहा गया कि कई सिविल अस्पतालों में पंजीकरण कक्ष में कर्मी उपलब्ध नहीं होते, ऐसे में मरीजों को परेशानी होती है। कई बार तो पंजीकरण कक्ष में होमगार्ड के जवान बैठे होते हैं। बैठक में आशा वर्कर्स को जननी शिशु सुरक्षा योजना (जेएसएसवाई) के तहत किसी भी गर्भवती महिला को कार्ड बनाने से इनकार न करने की नसीहत दी गई। आशा वर्कर्स ने बताया कि कई बार ऐसी महिलाएं आती हैं, जो रहती दूसरी जिला में हैं और जेएसएसवाई कार्ड अपने गृह जिला में बनवाना चाहती हैं।
ऐसी महिलाओं को आशा वर्कर्स द्वारा समझाया जाए कि जहां आप रहती हैं, वहीं आपको लाभ सही ढंग से मिल सकता है। बैठक के दौरान जिला चंबा में स्टाफ की कमी का मामला भी प्रमुखता से उठाया गया। जिस पर एनएचएम के एमडी ने कहा कि जो हमारे स्तर पर हो सकता है हम करेंगे और जो सरकार के स्तर का कार्य है उसे सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
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