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NH- 70 के प्रभावित भूमि-मालिक मुआवजे को हुए लामबंद, कहा-मंडी या हमीरपुर का रेट मिले
Last Updated on September 11, 2020 by Vishal Rana
मंडी। जिला के सरकाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग 70 के निर्माण से प्रभावित होने वाले किसानों (Farmer) ने लामबन्द होकर सम्मानजनक मुआवजे के लिए आवाज बुलंद कर दी है। भूमि मालिकों (Landowners) का कहना है कि वह प्रस्तावित नेशनल हाइवे के निर्माण का विरोध नहीं कर रहे अपितु उचित मुआवजे के लिए एकजुट हुए हैं। भारी संख्या में आए इन प्रभावित किसानों, मकान मालिकों ने भू अर्जन अधिकारी सरकाघाट (Sarkaghat) से मुलाकात कर प्रभावित भूमि मालिकों को हमीरपुर या मंडी का रेट दिया जाए। उन्होंने बताया कि इस निर्माण से हमीरपुर से मंडी तक 124 किलोमीटर सड़क से धर्मपुर, टिहरा, सरकाघाट सहित करीब दस हजार परिवार प्रभावित होंगे। शिष्टमंडल की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी उमेश ललित ने बताया कि प्रभावित भूमि मालिक प्रस्तावित राजमार्ग के निर्माण का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन उन्हें धर्मपुर मंडप के अंतर्गत आने वाले पटवार सर्कलों के रेट मंजूर नहीं है।
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सड़क निर्माण के लिए सभी प्रभावित सरकार के साथ हैं लेकिन सरकार उनके हितों का ध्यान रखते हुए किसी तरह की विसंगति न रखे और उन्हें मंडी या हमीरपुर के रेट ही निर्धारित करें। भू-अर्जन अधिकारी से मिलने आए ग्रामीणों ने बताया कि पूरे प्रदेश का किसान एक जैसा है और जमीन भी वही। मां के बाद जमीन ही है जो किसान का पालन-पोषण करती है। अगर बल्ह और मंडी में सरकार ने अच्छा मुआवजा दिया तो अवाहदेवी, चोलथरा, सरकाघाट, धर्मपुर, बरोटी, बनेरडी, सिहन, लागधार, कोटली और तल्याहड़ के लोगों को भी वही रेट मिलने चाहिए। अगर भूमि मालिकों को सम्मानजनक मुआवजा नहीं मिला तो ग्रामीण बर्बाद हो जाएंगे। क्योंकि लोगों की जमीन के अलावा दुकानें भी उजड़ रही हैं जिससे परिवार के पेट पलते थे।
124 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से प्रभावित होंगे हजारों लोग
राष्ट्रीय राजमार्ग 70 के अंतर्गत हमीरपुर से मंडी तक बनने वाले 124 किलोमीटर भाग में करीब दस हजार भूमि-मालिक प्रभावित होंगे जिनमें से 5521 ग्रामीण सरकाघाट, टिहरा और धर्मपुर के हैं। इनमें अधिकतर छोटे किसान, बेरोजगार, दिहाड़ीदार लोग है। इसे तीन पेकेजीज में बांटा गया है जिस पर 1112.18 करोड़ खर्च किये जायेंगे। हमीरपुर से मंडी तक करीब 124 किलोमीटर लैंड एक्वीजिशन की प्रक्रिया रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने पूरी कर ली है जिसमें कुल 46.30 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस सड़क में आने वाले अवाहदेवी, चोलथराए, रखोह, सरकाघाट, जमसाई, दमसेहड़ा, शिवद्वाला, बरोटी और कोटली आदि छोटे कस्बों में कई मकान और दुकानें प्रभावित होंगी। वहीं इस बारे एसडीएम सरकाघाट जफर इकबाल ने कहा कि ग्रामीणों की मुआवजे संबंधी मांग बिल्कुल जायज है। प्रशासन इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगा।
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