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नई दिल्ली। देश के डॉक्टर्स, मेडिकल संगठन और विपक्ष (doctors and opposition) के करारे विरोध के बीच लोकसभा के बाद नेशनल मेडिकल कमिशन बिल (National Medical Commission Bill) राज्यसभा (Rajya Sabha) से भी पास (pass) कर दिया गया। बता दें कि लोकसभा (Loksabha) में ये बिल पहले ही पास हो चुका है। लेकिन, सरकार का एक अमेंडमेंट पास होने के कारण इस बिल को लोकसभा में फिर पास कराना पड़ेगा। हालांकि लोकसभा में बहुमत होने के कारण सरकार को इसमें दिक्कत नहीं होगी। इस बिल के पास हो जाने के बाद इंडियन मेडिकल असोसिएशन आर वी असोकन ने कहा, ‘एनएमसी बिल की धारा-32 में एडवांस मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए 3.5 लाख अयोग्य एवं गैर डॉक्टरों को लाइसेंस देने का प्रावधान है।
उन्होंने आगे कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता शब्द को अस्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जो मॉडर्न मेडिकल फैसिलिटी से जुड़े किसी शख्स को एनएमसी में रजिस्टर्ड होने और एडवांस प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस हासिल करने की इजाजत देता है। उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब यह होगा कि सभी तरह के पैरामेडिक्स, जिसमें फार्मासिस्ट, नर्स, फिजियोथेरेपिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट इत्यादि आधुनिक चिकित्सा पद्धति का उपयोग करने के साथ ही स्वतंत्र रूप से दवाइयां परामर्श करने के लिए वैध होंगे।’ बता दें कि दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद देश में मेडिकल शिक्षा की जिम्मेदारी 25 सदस्यीय अयोग के पास होगी। इस बिल के जरिए सरकार शिक्षा में सुधार संबंधित कई प्रावधान भी लाई है। हालांकि इस बिल का विरोध भी हो रहा है।
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