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नई दिल्ली। उत्तराखंड के पूर्व सीएम और हरिद्वार लोकसभा के सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक (Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank) के पास मानव संसाधन विकास मंत्री का पद संभालने के कुछ देर बाद ही नई एजुकेशन पॉलिसी (new education policy) बना रही कमिटी ने इसका ड्राफ्ट (Draft) सौंपा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने सिलेबस में भारतीय शिक्षा प्रणाली को शामिल करने जैसी सिफारिशें लागू करने के अलावा ड्राफ्ट में राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन और निजी स्कूलों (Private schools) द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर रोक लगाने जैसी सिफारिशें शामिल हैं। इस ड्राफ्ट के तहत 12वीं तक की कक्षाओं के लिए 5+3+3+4 का फार्मूला बनाया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल एजुकेशन के लिए 5+3+3+4 डिजाइन लागू किया जाएगा। इसके तहत पांच साल का फाउंडेशन कोर्स होगा, जिसमें कक्षा 1और 2 की पढ़ाई को भी शामिल किया जाएगा। इसे प्री प्राइमरी स्कूल नाम दिया गया है। इसके बाद प्रिपेरटरी स्टेज के तहत कक्षा 3, 4 और 5 की पढ़ाई होगी।
इसके बाद तीन कक्षाएं 6, 7 और 8 मिडिल स्टेज में रखी गई है। आखिर में चौथा स्टेज कक्षा 9, 10, 11 और 12 का होगा। बता दें कि इस पॉलिसी का इंतजार करीब दो साल से हो रहा था और आखिरकार यह तैयार होकर मंत्रालय में आ गई है। पॉलिसी में सबसे ज्यादा फोकस भारतीय भाषाओं पर किया गया है। इसमें कहा गया है कि बच्चों को कम से कम क्लास पांच तक मातृभाषा में पढ़ाना चाहिए, साथ ही शुरू से बच्चों को तीन भारतीय भाषाओं का ज्ञान देना चाहिए। अगर विदेशी भाषा भी पढ़नी है तो यह चौथी भाषा के तौर पर हो सकती है।
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