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पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार के बाद पंजाब (Congress) कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एक लाइन का इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भेजा है। सोनिया गांधी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब (Punjab) गोवा और मणिपुर के पीसीसी अध्यक्षों से कहा था कि वे पीसीसी के पुनर्गठन की सुविधा के लिए अपना (Resign) इस्तीफा दें। इससे पहले मंगलवार को विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के कारण तलाशते हुए पार्टी बैठक में सभी पक्षों को सुना गया था। पंजाब के मामले में ज्यादातर नेताओं ने पार्टी की अंदरूनी कलह के अलावा नवजोत सिद्धू, चरणजीत चन्नी और पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ के बीच सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराया था। पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, राजिंदर सिंह बाजवा, बलबीर सिंह सिद्धू, सांसद रवनीत बिट्टू और गुरजीत औजला ने तो हार के लिए सीधे तौर पर सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया था।
कभी सीएम पद के दावेदार रहे सिद्धू को अपने गढ़ अमृतसर (पूर्व) सीट से हार का सामना करना पड़ा।वह शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ मुकाबला कर रहे थे लेकिन उन्हें आप के उम्मीदवार जीवनज्योत कौर के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उन्हें 6,750 मतों के अंतर से हराया। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने 2017 में न केवल अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी राजेश हनी को 42,000 से अधिक मतों के बड़े अंतर से हराया था, बल्कि अमृतसर जिले की 11 में से 10 सीटें जीतकर पार्टी के लिए गेम-चेंजर की भूमिका भी निभाई थी। सिद्धू बीजेपी से तीन बार अमृतसर से सांसद रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने अपने गुरु अरुण जेटली के लिए इस सीट को छोड़ दिया। बाद में उन्हें भाजपा द्वारा राज्यसभा में समायोजित किया गया लेकिन पंजाब में बड़ी भूमिका नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और संसद से इस्तीफा दे दिया था।
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