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नई दिल्ली। नक्सलियों द्वारा मुठभेड़ के बाद बंधक बनाया गया कोबरा जवान (Cobra Jawan Released ) आखिरकार रिहा कर दिया गया है। नक्सलियों ने छह दिन बाद कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को छोड़ दिया है। सीआरपीएफ डीजी (CRPF DG) ने जवान के छोड़े जाने की पुष्टि की है। इसके साथ ही बस्तर के सात पत्रकारों को भी नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाया गया है। आपको बता दें कि कोबरा जवान की रिहाई के लिए नक्सलियों से मध्यस्थता करवाने दो सदस्यीय टीम गई थी। इसके बाद जवान की रिहाई के साथ ही सात पत्रकार भी नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाए गए हैं।
गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur) में 6 दिन पहले सुरक्षाबलों और नक्सलियों (Naxalites) के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों (Security Forces) के 24 जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक कोबरा जवान भी लापता था। इसके बाद खबर आई कि लापता जवान को नक्सलियों ने बंधक बना लिया है। इस जवान की नक्सलियों द्वारा तस्वीर भी रिलीज की गई थी। अब बंधक बनाए गए कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों (Cobra Jawan Released ) द्वारा छोड़ दिया गया है।
गौरतलब रहे कि सरकार ने पूरे मामले को लेकर मध्यस्थता टीम गठित की थी। कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाने में मध्यस्थता टीम की अहम भूमिका रही है। इस दो सदस्यीय टीम में पद्मश्री धर्मपाल सैनी (Padmashree Dharmapal Saini), गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया शामिल थे। सीआरपीएफ के डीजी (CRPF DG) ने मनहास के उनके पास पहुंचने की पुष्टि की। जवान की रिहाई के लिए मध्यस्थता करवाने गई दो सदस्यीय टीम ने बस्तर के 7 पत्रकारों (Journalists) को भी नक्सलियों के कब्जे से छुड़ा लिया है। नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी।
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