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#Farmers_Protest:पवार भी बोले- हमारी नहीं सुनी, पहले ही कहा था जल्दबाजी मत करो
Last Updated on December 6, 2020 by Sintu Kumar
कृषि कानूनों ( Agricultural laws)के खिलाफ किसानों का आंदोलन( #Farmers_Protest) जारी है। केंद्र सरकार के साथ बातचीत का कोई नतीजा न निकलने के बाद अब किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद( Bharat Band) का ऐलान किया है। इसी बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार( NCP chief Sharad Pawar) ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान गेहूं और धान के मुख्य उत्पादक हैं, और वे विरोध कर रहे हैं। अगर जल्द ही स्थिति का हल नहीं किया गया, तो देश भर के किसान उनके साथ जुड़ जाएंगे। जब बिल पारित किया जा रहा था, हमने सरकार से अनुरोध किया कि वे जल्दबाज़ी में न करें, इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए और चर्चा की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विधेयक जल्दबाजी में पारित किया गया। अब सरकार को जल्दबाजी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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वहीं किसानों के आठ दिसंबर के भारत बंद( Bharat Band) को देशभर में व्यापक समर्थन मिला रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस और टीआरएस ने भी इस बंद को समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे पहले ट्रांसपोर्टर भी इस बंद को अपना समर्थन दे चुके हैं। कि सान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वे ‘अपना गांव अपनी सड़क’ के साथ देश भर के किसान भारत बंद में सहयोग करेंगे। गांव तैयार हैं किसान दिल्ली आने को तैयार हैं। ये आंदोलन एक गांव से एक ट्राली 10 दिन 15 आदमी नीति से शुरू होगा। उन्होंने कहा किसानों का अन्न खाने वाला देश का नागरिक भारत बंद में समर्थन कर रहा है। किसानों का समर्थन करने के लिए बॉक्सर विजेंदर सिंह सिंघु बॉर्डर पहुंचे। विजेंदर सिंह ने कहा, “अगर सरकार ये काले कानून वापस नहीं लेती तो मैं सरकार को खेल का सबसे बड़ा सम्मान राजीव गांधी खेल पुरस्कार वापस करूंगा।