-
Advertisement
25 वायरस पर शोध करेगा हिमाचल,हाईटेक वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब जल्द होगी शुरू
Last Updated on April 20, 2021 by
सुंदरनगर। आपका हिमाचल 25 अलग-अलग वायरस (25 Different Viruses) पर शोध करने की तैयारी में है। यानी मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज (Shri Lal Bahadur Shastri Medical College) में स्थापित पीसीआर लैब के बाद अब एक और नई टेस्टिंग लैब की सुविधा मिलने जा रही है। इस सुविधा से मेडिकल कॉलेज नेरचौक में हाईटेक वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब (VRDL) जल्द ही शुरू होने वाली है। मेडिकल कॉलेज स्तर की इस हाईटेक लैब को बनाने का कार्य लगातार युद्धस्तर पर चला हुआ है और जल्द ही इसे पूरा कर शुरू कर दिया जाएगा। इस लैब के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा कॉलेज प्रबंधन को 1.82 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
यह भी पढ़ें: भारत में कोरोना के डबल म्यूटेंट का खौफ- क्या है नया वैरिएंट, कितना खतरनाक पढ़ें ये रपट
इस राशि से लैब स्टाफ और मशीनरी को तैयार किया जा रहा है। लैब का निर्माण तथा स्टाफ की नियुक्ति को लेकर कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा लैब में प्रयोग होने वाली 80 प्रतिशत मशीनरी आ चुकी है। वहीं इस नई आधुनिक लैब के लिए आई हुई मशीनरी का पहले से स्थापित पीसीआर लैब में उपयोग किया जा रहा है। इस लैब के चालू होने से एक बहुत बड़ी सुविधा लोगों को मिलने जा रही है। इसके माध्यम से 25 वायरस का शोध करने के बाद उनके इलाज की सुविधा भी यहीं पर मिल सकेगी। श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक (Ner Chowk) के माइक्रोबायोलॉजी हेड एवं प्रोफेसर डॉ. दिग्विजय सिंह ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 और स्वाइन फ्लू वायरस को लेकर वायरस संरचना और उसके इलाज में कारगर कदम उठाने को लेकर कार्य किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: 18 साल से ऊपर की उम्र वाले सभी लोगों को लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन
लेकिन इस हाईटेक लैब के स्थापित होने के बाद अब मेडिकल कॉलेज में ही 25 वायरस का इलाज संभव हो पाएगा। डॉ. दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस प्रकार की राज्यस्तरीय लैब आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में मौजूद है। इसके अलावा श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में वीआरडीएल हाईटेक लैब खुलने से मंडी सहित आसपास के कई जिलों को एक बड़ी सुविधा मिलने जा रही है।