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#Kitchen में कभी ना रखें टूटी क्रॉकरी नहीं तो घर में बढे़गा कलह-कलेश
Last Updated on October 29, 2020 by
अच्छे भाग्य, स्वास्थ्य और सामंजस्य के लिए जरूरी है कि घर साफ-सुथरा हो और व्यवस्थित हो। घर का हर हिस्सा जरूरी है, लेकिन हम अक्सर किचन (#Kitchen) को अनदेखा कर देते हैं, जो कि घर का बेहद जरूरी हिस्सा है। अगर किचन साफ और व्यवस्थित नहीं होगा तो इसका खराब असर आपकी हेल्थ और रिलेशनशिप पर भी पड़ेगा। अगर किचन गलत एरिया में बना है तो इससे निगेटिव एनर्जी (Negative energy) बढ़ती है। घर में कलह-कलेश से बचे रहने के लिए जरूरी है कुछ बातों का पता होना। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप किचन में कुछ बदलाव से नेगेटिव एनर्जी से दूर रह सकते हैं ….
किचन की दीवारों का कलर सॉफ्ट रखें, जैसे व्हाइट, क्रीम, यैलो, सॉफ्ट ग्रीन। इससे पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। रेड और आरेंज जैसे शोख कलर से बचें। किचन में स्ट्रांग कलर्स यूज करने से घर के लोगों की सेहत बार-बार खराब होती है।
रोजाना किचन साफ करें। अगर सामान अव्यवस्थित है तो इससे सेहत खराब होती है। इसके अलावा किचन और फ्रिज में सड़ी सब्जियां और काफी पुराना खाना रखने से भी सेहत पर खराब असर पड़ता है।
टूटी या चटकी हुई क्रॉकरी फेंक दें। टूटे गिलास, कप और प्लेट्स रखने से अभाग्य बढ़ता है। इसी तरह टूटे हैंडल वाली कड़ाही और ढक्कन भी बदल दें। अगर टूटी क्रॉकरी में मेहमानों को खाना परोसा जाता है तो इससे बैडलक बढ़ता है।
चावल और आटा प्लास्टिक के डिब्बों के बजाय मेटल कंटेनर्स में रखना चाहिए। मेटल से संपन्नता बढ़ती है, जबकि प्लास्टिक कंटेनर्स में रखा फूड आयटम वेस्ट मटेरियल लगता है।
टोंटी से अगर पानी टपकता है तो इसे ठीक करवा लें। बेवजह पानी का टपकना आर्थिक स्थिति खराब करता है।
डस्टबिन को रोज साफ करें और इसे ढंककर रखें। किचन के साउथ या साउथ वेस्ट जोन में डस्टबिन रखें।
घर के साउथ-ईस्ट जोन में किचन होना चाहिए। अगर यह संभव नहीं है तो साउथ, वेस्ट या नॉर्थ-वेस्ट जोन में किचन बना सकते हैं।
अगर किचन नॉर्थ डायरेक्शन में होता है तो यह करियर अपॉर्च्युनिटी को ब्लॉक करता है, जबकि ईस्ट में यह हेल्थ के लिहाज से खराब होता है। जबकि नॉर्थ-ईस्ट में होने से मेंटल टेंशन बढ़ती है और साउथ-वेस्ट में किचन होने से रिलेशन खराब होते हैं।