-
Advertisement
स्कूली शिक्षा की 10+2 प्रणाली को बदलकर लाई जाएगी 5+3+3+4 की नई प्रणाली: Modi सरकार
Last Updated on July 29, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने कैबिनेट बैठक के बाद बुधवार को बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति 2020 को भी अनुमति दी जिसमें शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव है। नई शिक्षा नीति 1986 में बनी व 1992 में संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जगह लेगी।
Cabinet Briefing @PrakashJavdekar @DrRPNishank https://t.co/47u5S0pH6f
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020
केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंज़ूरी दे दी जिसके तहत आर्ट्स स्ट्रीम और साइंस स्ट्रीम को अलग-अलग नहीं रखा जाएगा। सरकार ने बताया कि वह अब बहुविषयी पद्धति को अपनाएगी। अगर एक छात्र फिज़िक्स के साथ फैशन स्टडी करना चाहता है या वह केमिस्ट्री के साथ बेकरी सीखना चाहता है, तो इसके लिए उसे अनुमति होगी।
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने दी नई Education Policy को मंजूरी: HRD मिनिस्ट्री का नाम भी बदला
स्कूलों में कम-से-कम 5वीं कक्षा तक मातृभाषा में होगी पढ़ाई
Replacing 10+2 structure of school curricula with a 5+3+3+4 curricular structure will benefit the younger children. It will also be in tune with global best practices for development of mental faculties of a child. There are reforms in school curricula and pedagogy too.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2020
वहीं, नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा की 10+2 प्रणाली को बदलकर 5+3+3+4 की नई शैक्षणिक प्रणाली को लाया जाएगा। फाउंडेशनल स्टेज में 3-8 वर्ष की उम्र को कवर किया जाएगा जबकि प्रेपरेटरी स्टेज में कक्षा 3 से 5 शामिल होंगी। इसके मिडल स्टेज में कक्षा 6 से 8 और सेकेंड्री स्टेज में कक्षा 9 से 12 शामिल हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंज़ूरी दे दी जिसके तहत अब कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग पढ़ाई जाएगी। स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल ने कहा, ‘कोडिंग से बच्चों में कम्प्यूटेशनल (अभिकलनात्मक) और मैथमेटिकल (गणितीय) सोच बढ़ती है।’ इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में 21वीं सदी की स्किल शामिल की जाएंगी।
#NEP2020
The medium of instruction (preferably) till Grade 8 & beyond, will be the home language/mother-tongue/local language/regional language.
Starting from the Foundational Stage, children will be exposed to different languages with a particular emphasis on the mother tongue. pic.twitter.com/w5hM3riTpF— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) July 29, 2020
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, कम-से-कम कक्षा 5 और हो सके तो कक्षा 8 तक मातृभाषा/गृहभाषा/क्षेत्रीय भाषा पढ़ाई का एक माध्यम होगी। बोर्ड परीक्षा का महत्व कम होगा और वे रटी हुई चीज़ों को नहीं बल्कि व्यावहारिक ज्ञान को परखने के लिए होंगे। साथ ही, सभी स्कूली स्तरों और उच्च शिक्षा में विकल्प के तौर पर संस्कृत पढ़ाई जाएगी।