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मंडी। पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदेश भर के कर्मचारियों ने अब सरकार से आमना-सामना करने का कड़ा फैसला ले लिया है। पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारियों ने आने वाले समय में बड़े आंदोलन करने, कामकाज बंद करने व सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करने तक का फैसला लिया है। यह बात मंडी में आयोजित न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश ठाकुर ने कहे।
उन्होंने कहा कि नेताओं के सैलरी भत्ते बढ़ाने के लिए सभी नेता नए कानून बनाने में देर नहीं लगाते लेकिन कर्मचारियों को पूरी जिंदगी काम के बदले में मात्र कुछ हजार रूपए की पेंशन दी जा रही है। इसके लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी आने वाले समय में सरकार के खिलाफ हर प्रकार से अपने दांव पेंच लड़ाने की कोशिश करेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन हमारा संवैधानिक अधिकार है और वे उसे हर हाल में लेकर रहेंगे।
रविवार को मंडी में आयोजित न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ के सम्मेलन में मंडी जिला की नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया, जिसमें वन विभाग में तैनात प्रदीप ठाकुर को एक बार फिर जिला के प्रधान का दायित्व सौंपा गया है। यह प्रक्रिया कुल्लू से आए तीन पर्यवेक्षकों के समक्ष संपन्न हुई। सम्मेलन में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के सलाहकार व प्रदेश न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश ठाकुर विशेष तौर पर मौजूद रहे। इस अवसर पर नरेश ठाकुर ने कहा कि पेंशन कोई भीख नहीं है जो हम सरकार से मांग रहे हैं यह हमारा संवैधानिक अधिकार है और इसे हम हर हाल में लेकर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए कर्मचारियों को जो चाहे बन सके वह करेंगे। इसके साथ ही फिर से जिला प्रधान चुने गए प्रदीप ने सरकार पर कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
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