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दाहोद। दाहोद (Dahaud) निवासी मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) के छात्र मयूर महला (Mayur Mahala), गौरव चले (Gaurav Chale) और कार्तिक पटेल (Kartik Patel) इस क्षेत्र में अपनी कारों में यात्रा करने वाले लोगों पर हमलों से चिंतित थे। उन्होंने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि एक बार कुछ डकैतों ने उनके प्रोफेसर (Professor) पर हमला किया था। डकैतों ने स्पाइक्स (Spikes) का इस्तेमाल करते हुए टायर पंचर (Puncture) कर दिया और फिर उन्हें लूट लिया। तब हमने एक ऐसी प्रणाली का आविष्कार करने का फैसला किया, जो उन्हें ऐसा करने से रोके।
डकैतों, नक्सलियों, और यहां तक कि कार और अन्य वाहनों को लूटने के लिए उपयोग किए जाने वाली तरकीब को अब अप्रभावी (Ineffective) बना दिया गया है। लोगों पर हमला करने के लिए टायर पंच करना अब अतीत की बात हो गई है। इंजीनियरिंग छात्रों ने एक प्रणाली का आविष्कार किया है जो टायर के पंचर होने के बाद स्वचालित रूप (Automatically) से हवा भर देगा।
छात्रों को राज्य सरकार (State Government) के छात्र स्टार्ट-अप और इनोवेशन पॉलिसी से 27,000 रुपए की प्रारंभिक धनराशि (Initial Amount) प्राप्त हुई, जिसके माध्यम से उन्होंने एक टायर का एक प्रोटोटाइप (Prototype) विकसित किया और भारत के उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) में आयोजित प्रदर्शनी में अपने विचार प्रदर्शित किए। दाहोद के लड़कों के अविष्कार की सराहना करते हुए, राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा (Bhupendrasinh Chudasama) ने कहा, ‘किसी भी समस्या को आविष्कार के माध्यम से हल किया जा सकता है और सम्मेलन में छात्रों द्वारा कुछ ऐसी ही सामाजिक समस्याओं (Social Problems) को हल किया गया। छात्रों ने हमारे देश के सबसे बड़े मुद्दे से निपटारा दिलाया है।’
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