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शिमला। प्रदेश के सबसे बड़े कमला नेहरू अस्पताल में डॉक्टरों ने जिंदा नवजात बच्ची को मृत घोषित कर दिया। 11 घंटे बाद नवजात के जिंदा होने का पता चलने पर मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, वहीं अस्पताल के डॉक्टरों के प्रति गहरा रोष था। बता दें कि तीन दिन पहले कुल्लू की राजकुमारी को सातवें माह में प्रसूति दर्द शुरू हुआ। राजकुमारी को उसके पति विजय कुमार नेरचौक अस्पताल ले गए, जहां से उसे प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल केएनएच (KNH) रेफर किया गया। दो दिन पहले राजकुमारी को केएनएच में दाख़िल किया गया। विजय कुमार बताते हैं कि वीरवार सुबह उनके बच्ची पैदा हुई।
डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची की पल्स रेट बहुत कम है, उसका बचना मुश्किल है, इसलिए फॉर्म पर हस्ताक्षर कर दो। डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर डेड ट्रे में रख दिया। 11 घंटे बाद जब डॉक्टरों ने डेड बॉडी को ले जाने के लिए बैग लेकर बुलाया तो बच्ची रोने लग गई। इतनी बड़ी लापरवाही के बाद बच्ची के पिता विजय कुमार परेशान हो गए व सीधा शिकायत लेकर एमएस के पास पहुंच गए। विजय कुमार ने इतनी बड़ी लापरवाही की जांच के बाद दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है। केएनएच की एमएस डॉक्टर अंबिका चौहान ने बताया कि बच्ची 800 ग्राम की पैदा हुई थी। जिसके बचने की बहुत कम संभावना थी। बावजुद इसके यदि मामले में डॉक्टरों की लापरवाही पाई जाती है तो जांच के बाद दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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