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बच्चा पाल नहीं सकते तो , यहां छोड़ दो
अगर बच्चा पाल नहीं सकते तो कृपया करके उसे मौत की नींद भी न सुलाईए। उसे अस्पताल में स्थापित “पालना शिशु स्वागत केंद्र” में छोड़ दीजिए, कोई आपसे पूछताछ नहीं करेगा। सरकार की इस योजना का शायद बहुत ही कम लोगों को पता है और यही कारण है कि कलियुगी मां ने इस जानकारी के अभाव में अपनी दो नवजात बच्चियों को मौत की नींद सुला दिया। आपको बता दें कि मंडी जिला के छः अस्पतालों में यह सुविधा मौजूद है। इनमें जोनल हास्पिटल मंडी, सिविलि हास्पिटल सुंदरनगर, सरकाघाट, जोगिंद्रनगर, करसोग और जंजैहली हास्पिटल शामिल हैं। जोनल हास्पिटल मंडी में यह पालना ब्लड बैंक के सामने स्थापित किया गया है। यदि आप अपने बच्चे को पालने में असमर्थ हैं तो यहां पर आप 6 वर्ष तक की आयु वाले बच्चे को छोड़ सकते हैं।