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भारी बर्फबारी भी नहीं रोक पाई चुंजवाला महादेव के भक्तों के कदम
सुंदरनगर : देवभूमि हिमाचल के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। देव परंपरा के महत्व की बात की जाए तो हिमाचल के लोगों की अपने देवी-देवताओं के प्रति अटूट आस्था है, जो कई धार्मिक आयोजनों में स्पष्ट दिखाई देती है। इन दिनों बर्फबारी के दौर है जिला मंडी सराज घाटी में कई फीट बर्फबारी के बीच देव परंपरा का निर्वहन किया गया। घाटी के आराध्य देव चुंजवाला महादेव का नवनिर्मित रथ की उनके मूल मंदिर बागीथाच गढ में पूरे विधि विधान के साथ स्थापना हुई। अपने नए मोहरों से सुसज्जित होकर देव चुंजवाला घाट मौहथ गांव से अपने बागीथाच गढ़ स्थित ऐतिहासिक चुंजवाला मंदिर तमाम देउलूओं की मदद से ले जाया गया। वहां देव चुंजवाला का गाडू होने के पश्चात अपनी कलाओं के साथ नए स्वरूप में बाहर आए और सृष्टि को रोमांचित किया। सैकडों देउलू और कारकून इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। बर्फबारी के बीच देव चुंजवाला के प्रति लोगों की आस्था को जिसने भी देखा वह अभिभूत हो गया।