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रहस्यमयी झील में साफ नज़र आता है अरबों का खजाना फिर भी कोई इंसान नहीं करता इसे निकालने की हिम्मत
हिंदू धर्म में बहुत से पशु-पक्षियों की पूजा होती है इस बात से प्रत्येक व्यक्ति जो संबंध रखता है वाकिफ़ होगा। इन्हीं में से एक नागों के देवता नागराज। शास्त्रों में इनका अधिक महत्व बताया गया है। वैसे तो इनके पूजनीय होने के कई कारण हैं परंतु सबसे बड़ा कारण है ये है कि देवों के देव महादेव ने इन्हे अपने कंठ में धारण किया हुआ है। कहा जाता है समुद्र मंथन के दौरान जब शिव ने विष निगल कर उसे अपने गल में इक्ट्ठा किया था तो उसको वहीं रोकने के लिए उन्होंने अपने गले में नागों को माला के रूप में डाल लिया था। जिसके बाद से हमेशा के लिए उनके गले में ही वास करते हैं। अब इस बात से आप जान गए होंगे कि नागों को हिंदू धर्म में कितना महत्व प्रदान है। यही कारण है कि नाग देवता के दुनिया के कई हिस्सो में अनोखे मंदिर तक स्थापित है। जिसमें से अधिकतर मंदिर व धार्मिक स्थल भारत में पाए जाते हैं। तो आज हम आपको इनके ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इतिहास पुराना तो है ही लेकिन रोचक भी है।
हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से करीब 70 कि.मी की दूर स्थित धार्मिक स्थल के बारे में। जिसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां पानी के नीचे छिपा हुआ खज़ाना दिखता है। जी हां, आप सही सुन रहे हैं। यहां सालों पुराना खज़ाना पानी के नीचे छिपा हुआ है जो दिखाई तो देता है पर इसे छुआ नहीं जा सकता है। अब आप यकीनन से सोच रहे होंगे कि भला ये कैसा खज़ाना हुआ जिसे कोई ले नहीं पाया आज तक। तो बता दें इसके पीछे का कारण है कि इसकी रक्षा करने वाले नागराज। जी हां, कहां जाता है इस स्थान पर इस खज़ाने की देखभाल कोई इंसान नही बल्कि नाग करते हैं। यहां आसपास के निवासियों का कहना है कि जिस भी इंसान ने आज तक इस खज़ाने को छूना चाहा है… उसके साथ कुछ न कुछ अनर्थ ज़रूर हुआ है।