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हिमाचल: करंट लगने से जान जाने पर मिलेंगे 5 लाख, दिव्यांग होने पर भी मिलेगा मुआवजा
शिमला। हिमाचल (Himachal) में पहली बार करंट लगने से मौत (Electrocution Death) होने पर मुआवजा राशि देने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में अब करंट लगने से मौत होने पर मृतक के परिजनों को पांच लाख की मुआवजा राशि (5 lakh Compensation Amount) दी जाएगी। इसमें एक लाख की राशि तत्काल तीन दिन के भीतर दी जाएगी। जबकि 4 लाख बाद में स्वजनों को दिए जाएंगे। राज्य विद्युत नियामक आयोग (State Electricity Regulatory Commission) की ओर से इसका ड्राफ्ट तैयार किया है। यही नहीं दुर्घटना में कोई दिव्यांग हो जाए, तब भी उसे मुआवजा राशि दी जाएगी। वहीं, करंट लगने से अगर किसी का पशु भी मरता है तो भी मुआवजा राशि दी जाएगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने ड्राफ्ट पर 30 दिन में आपत्तियां व सुझाव मांगे हैं।
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बता दें कि आज के दौर में हर घर में बिजली का कनेक्शन लग चुका है। जिससे प्रदेश में बिजली के कनेक्शनों के बढ़ने के साथ ही बिजली की तारों का जाल भी बढ़ गया है। ऐसे में करंट लगने की आशंका बढ़ गई है। जिसके चलते ही अब प्रदेश में करंट लगने पर मुआवजा राशि का प्रावधान किया जा रहा है। मृतक के परिजनों को तीन दिन में एक लाख की राशि मिलने से उन्हें राहत मिलेगी। वहीं उन्हें घर चलाने में भी काफी हद तक मदद मिलेगी। इस व्यसस्था के बाद हिमाचल बिजली बोर्ड के कर्मचारियों (Electricity Board Employees) को काफी लाभ होगा। प्रदेश में बिजली बोर्ड के तकनीकी कर्मचारियों के साथ करंट लगने के हादसे अकसर सामने आते रहते हैं। इस व्यवस्था से इन कर्मचारियों को लाभ होगा और उन्हें एक आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी।
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