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Ancient Tradition | Anni | Shamshari Mahadev |
आनी। हिमाचल प्रदेश में देवी-देवताओं की मान्यता कुछ हटकर है। यहां लगभग हर गांव अथवा कुटुंब में देवी.देवताओं के मंदिर हैं और अपने अपने इष्ट देवताओं के प्रति लोगों में अटूट आस्था है। देवताओं के सम्मान में ग्रामीण वर्ष भर समय.समय पर विभिन्न मेलों का आयोजन करते हैं। जिसमें ग्रामीण अपनी लोक संस्कृति के रंग में रंग कर खूब लुत्फ़ उठाते हैं। इसी तरह कुल्लू जिला के आनी क्षेत्र में इन दिनों यहां के आराध्य गढपति देवता शमशरी महादेव सात साल के लंबे अंतराल के बाद बीते 13 अगस्त से अपने अधिकार क्षेत्र के 45 गांवों के दौरे पर निकले हैं। शुक्रवार को देवता अपने लाव-लश्कर के साथ गांव कोहिला पहुंचे। जहां स्थानीय ग्रामीणों ने प्राचीन परंपरा अनुसार उनका भव्य स्वागत किया। जनश्रुति के अनुसार कोहिला गांव में शमशरी महादेव के रथ पर गडूम्बी नाग बैठता है। यानी उनके रथ पर गडूम्बी नाग का मोहरा लगता है। जिसे शमशरी महादेव का बेटा बताया गया है। देव मान्यता अनुसार इसे ढाई फेर की गद्दी दी गई है और अपना गढ़ यानी क्षेत्र इसने देवता शमशरी महादेव को दिया है। कोहिला गांव में शमशरी महादेव की गद्दी पर बैठे गडूम्बी नाग रथ पर विराजमान होकर उल्टे चलते हैं। यहां भक्तों के भारी जोश व उल्लास के बीच देवता गडूम्बी नाग पीछे की ओर चलते हुए लोगों को दर्शन देते हैं।