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कांग्रेस के गढ़ वाली इस सीट पर बीजेपी का है कब्जा-जोर आजमाइश जबरदस्त
बैजनाथ का नाम सामने आते ही शिव मंदिर की तस्वीर उभरने लगती है। जिला कांगड़ा (District Kangra)की ये विधानसभा सीट अब अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। कांग्रेस ने इस सीट पर 11 में से नौ चुनाव जीते हैं। हालांकि, बीच में पंडित संतराम के निधन के चलते यहां उपचुनाव हुआ और ये सीट बीजेपी ने जीत ली। इस नाते यहां 11 नहीं बल्कि 12 चुनाव हुए, उस हिसाब से कांग्रेस (Congress) का आंकड़ा तो नौ का ही रहा लेकिन बीजेपी (BJP) तीन बार यहां से जीत दर्ज करवाने में सफल रही। वर्तमान में इस सीट पर बीजेपी काबिज है। जिस वक्त ये सीट आरक्षित नहीं थी तो यहां कांग्रेस के पंडित संतराम का डंका बजता था,वह कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे,उन्होंने यहां से छह चुनाव जीते। उनके बाद उनके बेटे सुधीर शर्मा ने भी दो बार यहां से जीत दर्ज करवाई, उसके बाद ये क्षेत्र आरक्षित घोषित हो गया।
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इस सीट के इतिहास पर नजर दौड़ाने से पता चलता है कि वर्ष 2012 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई। इसके चलते सुधीर शर्मा को अपना निर्वाचन क्षेत्र बदलकर धर्मशाला जाना पड़ा। वर्ष 2012 में उन्होंने धर्मशाला से कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। तीसरी बार धर्मशाला जाकर विधायक चुने गए सुधीर शर्मा को तत्कालीन वीरभद्र सिंह कैबिनेट में शहरी विकास मंत्री बनाया गया। जबकि इससे पहले उनके पिता स्व पंडित संतराम भी वीरभद्र कैबिनेट (Virbhadra Cabinet) में मंत्री बनते रहे।
बीजेपी की अगर बात करें तो बैजनाथ (Baijnath) में अब तक इसे तीन बार ही जीत नसीब हुई है। वर्ष 1990 में पहली बार बीजेपी प्रत्याशी दूलो राम (Dulo Ram) यहां से विधायक चुने गए। उसके बाद 1993 में हुए चुनाव में कांग्रेस के पंडित संतराम ने यहां से जीत दर्ज करवाई। इसी तरह वर्ष 1998 में फिर से पंडित संतराम (Pandit Sant Ram) यहां से जीत दर्ज करवाने में सफल रहे। लेकिन जीत दर्ज करवाने के बाद उनका निधन हो गया और इस सीट पर (By-Election) उपचुनाव हुआ। कांग्रेस ने पंडित संतराम के बेटे सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) को अपना कैंडिडेट बनाया तो बीजेपी ने दूलो राम पर दांव खेला। प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी कांग्रेस के सुधीर शर्मा को हार का सामना करना पडा। बीजेपी के दूलो राम उपचुनाव जीत गए। इसके बाद 2003 व 2007 में कांग्रेस के सुधीर शर्मा यहां से चुनाव जीतते रहे। लेकिन 2012 में सीट आरक्षित होने के बाद कांग्रेस ने यहां से किशोरी लाल को चुनाव मैदान में उतारा और वह चुनाव जीत गए। इसके बाद वर्ष 2017 में हुए चुनावों में बीजेपी के मुलख राज प्रेमी (Mulkh Raj Premi) यहां से जीत दर्ज करवाने में सफल रहे। बीजेपी के मुलख राज प्रेमी को 32102 मत मिले थे, जबकि कांग्रेस के (Kishori lal) किशोरीलाल 19433 मत मिले। इस तरह बीजेपी ने 12669 मतों से जीत दर्ज करवाई।
बैजनाथ विधानसभा सीट (Baijnath Assembly Seat) अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट (Reserved Seat for Scheduled Castes) है। इस सीट पर 30 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। जबकि 10 फीसदी अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या है। इसके अलावा एक फीसदी के करीब मुस्लिम मतदाता भी हैं। इस सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या ना के बराबर है। चूंकि अधिकतर क्षेत्र ग्रामीण ही है।
2017 – मुलख राज – बीजेपी
2012 – किशोरी लाल – कांग्रेस
2007 – सुधीर शर्मा – कांग्रेस
2003 – सुधीर शर्मा – कांग्रेस
1998 (उपचुनाव) दूलो राम – बीजेपी
1998 – संत राम – कांग्रेस
1993 – संत राम – कांग्रेस
1990 – दूलो राम – बीजेपी
1985 – संत राम – कांग्रेस
1982 – संत राम – कांग्रेस
1977 – संत राम – कांग्रेस
1972 – संत राम – कांग्रेस