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G20 का नया मुखिया बना ब्राजील, PM मोदी ने राष्ट्रपति लूला का सौंपी अध्यक्षता
नई दिल्ली। यहां चल रहे G20 समिट (G20 Summit) के आखिरी दिन भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने G20 की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा (Brazilian President Luiz Inacio Lula da Silva) को सौंपी। अब G20 का नया मुखिया ब्राजील बन गया है। अगले साल G20 समिट ब्राजील में होगा। PM मोदी ने इसके लिए लूला डा सिल्वा को बधाई भी दी। इसके बाद लूला डा सिल्वा ने कहा कि गरीब देशों की कर्ज की समस्या पर ध्यान देना होगा। दुनिया को वैश्विक भुखमरी खत्म करने की कोशिश बढ़ानी होगी।
इससे पहले तीसरे सेशन के दौरान घोषणा पत्र (Delhi Declaration) पर औपचारिक मुहर लगाई गई। शिखर सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले ब्राजील और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने PM मोदी को पौधे भेंट किए। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन (Paying Homage To Mahatma Gandhi at Rajghat) अर्पित करने के बाद वहीं से सीधे वियतनाम दौरे के लिए रवाना हो गए। रविवार को G20 लीडर्स और मेहमान देश के नेताओं ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद सम्मेलन स्थल भारत मंडपम लौट गए।
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साझा घोषणा पत्र पर सहमति
PM मोदी ने शनिवार को ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि G20 के दिल्ली सम्मेलन के साझा घोषणा पत्र पर सर्वसम्मति बन गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र को मंजूर किया है। सभी लीडर्स ने माना है कि G20 राजनीतिक मुद्दों को डिस्कस करने का प्लेटफॉर्म नहीं है। घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) का 4 बार जिक्र हुआ है। जयशंकर से टेररिज्म और अफ्रीकी यूनियन को G20 में शामिल किए जाने पर भी सवाल हुए। इस पर विदेश मंत्री ने कहा- आप इस समिट का बाली समिट से तुलना न करें। बाली एक साल पहले था, अब नई दिल्ली है। यूक्रेन मुद्दे और फूड सिक्योरिटी जैसे मसलों का 7 पैराग्राफ में जिक्र किया गया है। मोदी ने जकार्ता और इसके पहले भी अपने सहयोगी नेताओं से बातचीत (यूक्रेन का नाम नहीं लिया) की थी। अफ्रीकी यूनियन के प्रेसिडेंट (सेनेगल के राष्ट्रपति) पिछले साल बाली में मोदी के पास आए थे। तब उन्होंने मोदी से कहा था कि हमें G20 में जगह क्यों नहीं मिलती? मुझे याद है तब प्रधानमंत्री ने उनसे कहा था- मैं आपको नई दिल्ली में G20 की सदस्यता दिलाने की गारंटी देता हूं। जयशंकर से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jin Ping) के न आने पर भी सवाल किया गया। इस पर जयशंकर ने कहा- हमें लगता है कि हर देश को ये हक है कि वो किस लेवल पर शिरकत करना चाहता है। इसके मायने इससे ज्यादा नहीं होने चाहिए। चीन ने काफी सपोर्ट किया है।
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