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Manimahesh Yatra: जन्माष्टमी न्हौण पर चंद श्रद्धालुओं ने ही लगाई डल झील में आस्था की डुबकी
चंबा। उत्तर भारत की विख्यात मणिमहेश की डल झील में इस बार जन्माष्टमी स्नान विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ। हर बार जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते थे, वहीं इस बार यह यात्रा कुछ ही लोग कर पाए। इस बार कोरोना महामारी के चलते इसमें कुछ ही भक्तों ने आस्था की डूबकी लगाई। जन्माष्टमी स्नान का शुभ मुहूर्त मंगलवार सुबह नौ बजकर सात मिनट पर शुरू हुआ। जबकि, बुधवार 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस बार डल झील में जम्मू के भद्रवाह से आए श्रद्धालुओं (pilgrims) ने पवित्र डल झील में डुबकी लगाई। हर साल मणिमहेश यात्रा (Manimahesh yatra) के दौरान देश-विदेश के विभिन्न राज्यों से लाखों की तादाद में शिवभक्त पहुंचते थे। भरमौर मुख्यालय सहित यात्रा के विभिन्न पड़ाव भगवान शिव के जयकारों से गूंजते थे। लेकिन, इस बार भोले की नगरी सुनसान रही।
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जिला प्रशासन ने चंद लोगों को ही इस बार मणिमहेश जाने की इजाजत दी। अन्यों के लिए यह यात्रा पूरी तरह से बंद है। बता दें कि जिला प्रशासन ने जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों से यहां पहुंचे 63 श्रद्धालुओं को मणिमहेश जाने की इजाजत दी थी। हालांकि भरमौर पहुंचने के बाद प्रशासन द्वारा शुरुआती तौर पर केवल 15 श्रद्धालुओं का जत्था ही आगे भेजा गया था। लेकिन, बाद में अन्य श्रद्धालुओं को भी आगे जाने की इजाजत दे दी गई। जिला प्रशासन ने केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को डल झील जाने की अनुमति दी, जिनका परंपराओं को निभाने के लिए जाना जरूरी था। प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि जो भी श्रद्धालु मणिमहेश जाने के लिए यहां पहुंचे हैं। उनकी स्वास्थ्य जांच होने के बाद ही उन्हें आगे जाने की इजाजत दी जाएगी।