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द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट बंद, ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होंगे बाबा
देहरादून। मौसम के करवट लेने के बाद से पहाड़ों में मंदिरों के कपाट बंद करने का सिलसिला शुरू हो गया है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के बाद अन्य छोटे-बड़े मंदिर के कपाट (Doors) भी बंद किए जा रहे हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम (Second Kedar Madmaheshwar Dham) के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए आज सुबह सात बजे शुभ लग्न में बंद कर दिए गए हैं। आज ही बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव गौंडार गांव पहुंचेगी। जबकि रांसी, गिरिया होते हुए डोली 22 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए विराजमान होगी।
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कपाट बंद होने से पहले सुबह चार बजे से मद्महेश्वर धाम में आराध्य की विशेष पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के पुजारी टी. गंगाधर लिंग द्वारा बाबा की भोगमूर्ति का श्रृंगार कर भोग लगाने के बाद आरती की गई। सुबह सात बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने के साथ ही मंदिर की परिक्रमा करते हुए द्वितीय केदार की डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान कराया गया।