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BBN में शुरू हुई फैक्टरियों ने फिर बढ़ाया Pollution, सरसा नदी में केमिकल युक्त पानी से मरने लगी मछलियां
नालागढ़। कोरोना संकट के चलते लगे लॉकडाउन के कारण सोलन जिले के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में करीब ढाई महीने तक ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां बंद रहीं। अब अनलॉक वन में सरकार की अनुमति मिलने के बाद फैक्ट्रियों (Factory) में कामकाज शुरू हो चुका है। काम का शुरू होने के कारण एक तरफ जहां मजदूर काम पर वापस लौट रहे हैं, दूसरी ओर दोबारा प्रदूषण (Pollution) बढ़ने लगा है। नालागढ़ की सरसा नदी में रातों-रात जहरीला केमिकल युक्त पानी नदी में आने के कारण लाखों की तादाद में मछलियां मर गई हैं। नदी के किनारे मरी हुई हजारों मछलियों के ढेर लगे हुए हैं।
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केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त की मांग
नदी के आसपास मछलियां मरने के कारण बदबू ही बदबू फैली हुई है, जिसके चलते आसपास के लोगों में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से जल्द नदी में खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict action) करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि लाखों की तादात में मछलियां नदी के किनारे मरी हुई पड़ी हैं, जिसके चलते उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ लगते गांवों में बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब बरसात होती है तो फैक्ट्री से केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में खुलेआम छोड़ दिया जाता है। ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं, लेकिन विभाग दिखावे के लिए मौके से सैंपल ले जाता है। कार्रवाई के नाम पर लीपापोती की जाती है और उसके बाद फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। इस संबंध में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य एससी प्रवीण गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।