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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के सेवानिवृत्ति पर हाईकोर्ट में फुल कोर्ट एड्रेस
शिमला। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के सेवानिवृत्त होने पर बुधवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में फुल कोर्ट एड्रेस का आयोजन किया गया। 62 वर्ष की आयु पूरी होने पर वे सेवानिवृत हो गए। जस्टिस सबीना का जन्म 20.04.1961 को हुआ था। उन्हें सर्वसम्मति से वर्ष 1986 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन का संयुक्त सचिव चुना गया। इसके बाद उन्हें 21 जनवरी 1997 को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। ये सितंबर 2004 में सत्र न्यायाधीश बनीं और 12 मार्च 2008 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 23 फरवरी 2010 को ये स्थायी न्यायाधीश बनी और इन्हें उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। 8 अक्तूबर 2021 को इन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। 21 जनवरी 2023 को इन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया।
न्यायाधीश सबीना ने कहा- न्याय सभी के लिए सुलभ होना चाहिए
इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना ने अपने सभी साथी न्यायाधीशों और सभी उच्च न्यायालयों के बार सदस्यों को उनके प्यार, स्नेह और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने पूरे सेवाकाल में उनके अटूट समर्थन के लिए अपने परिवार को धन्यवाद दिया। उन्होंने रजिस्ट्रारों और रजिस्ट्री के अधिकारियों और उनके निजी कर्मचारियों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश होना केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा कार्य है जिसके लिए न्याय की जिम्मेदारी, ईमानदारी और प्रतिबद्धता की गहरी भावना की आवश्यकता होती है। उनका हमेशा से मानना रहा है कि न्याय सभी के लिए सुलभ होना चाहिए, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या स्थिति कुछ भी हो। उन्होंने युवा अधिवक्ताओं को सलाह दी कि निरंतर कड़ी मेहनत, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और दृढ़ता सफलता की कुंजी है और उन्हें आसान पैसा कमाने के लिए कभी भी नैतिकता से समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं से अपील की कि वे युवा वकीलों को कानून की अवधारणाओं को पढ़ाने के लिए कुछ समय निकालें और उन्हें अदालती और सामाजिक शिष्टाचार सिखाएं। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका की ताकत जनता के विश्वास में निहित है। बेंच और बार दोनों को यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए कि वे उनमें से कोई ऐसा कार्य न करे , जिससे न्यायपालिका से जनता का विश्वास उठ जाए। जस्टिस सबीना ने अपने सम्बोधन में खुश रहने और खुशी फैलाने का संदेश भी दिया। वर्तमान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अपरिहार्य कारण से फूल कोर्ट रेफरेंस में हिस्सा नहीं ले पाए।
गार्ड ऑफ ऑनर व रेड कार्पेट सम्मान के साथ विदाई दी
हाईकोर्ट के वरिष्ट न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने अपने सम्बोधन में जस्टिस सबीना के न्यायिक व्यवस्थता में दिए अहम योगदान का उल्लेख किया और सुखी भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। महाधिवक्ता अनूप रतन , हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य आई.एन. मेहता , हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष तरुण शर्मा , भारत सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने संबोधन में निवर्तमान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना को अपनी शुभकामनाएं दीं।न्यायाधीश अजय मोहन गोयल, न्यायाधीश संदीप शर्मा, न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायाधीश सत्येन वैद्य, न्यायाधीश सुशील कुकरेजा और न्यायाधीश विरेंदर सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश कल्पेश सत्येंद्र झावेरी , मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा, लोकायुक्त हिमाचल प्रदेश न्यायमूर्ति सी.बी.बारोवालिया , रजिस्ट्रार जनरल और अन्य रजिस्ट्रार, केंद्रीय परियोजना समन्वयक, वरिष्ठ अधिवक्ता, बार एसोसिएशन के सदस्य, उच्च न्यायालय रजिस्ट्री के अधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। फुल कोर्ट एड्रेस के बाद जस्टिस सबीना को गार्ड ऑफ ऑनर व रेड का
र्पेट सम्मान के साथ विदाई दी गई।
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